भारत में,खाना पकाना एक ऐसा काम है,जो एक औरत की रोजमर्रा की जिंदगी का ज्यादातर समय ले लेता है। ग्रामीण इलाकों में औरतों का ज्यादातर वक्त इसी काम में बीत जाता है जिसके कारण उन्हें किसी भी तरह की गतिविधियों को करने का समय नहीं मिलता।
भारत में आज भी 40% परिवार ऐसे हैं, जो खाना बनाने के लिए पारंपरिक ईंधन का इस्तेमाल करते हैं ,जैसे लकड़ियां, कोयला, गाय का गोबर इत्यादि। और इन सब चीजों को ईंधन के तौर पर जलाने से जो धुआं पैदा होता है, वह पर्यावरण के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है।
इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने महिलाओं के लिए एक ऐसी योजना की शुरुआत की है जिसके कारण उन्हें खाना पकाने में समय की बचत होगी और वे दूसरे कामों पर भी ध्यान दे पाएंगे.
अगर आप इस भी इस योजना के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को अंत तक पढ़ें इस लेख मे हम आपको बताने वाले है कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना क्या है Pradhan mantri Ujjwala yojana Kya Hai , pradhan mantri ujjwala yojana 2.0, p m ujjwala yojana
उज्ज्वला योजना का विवरण
योजना का नाम | प्रधानमंत्री उज्जवला योजना |
कब शुरू हुई | 01 May 2016 |
किसके द्वारा शुरू की गई | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा |
योजना मंत्रालय | पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय |
योजना का बजट | 8 हजार करोड़ |
योजना का उद्देश्य | देश के गरीबों परिवारों को एलपीजी गैस सिलेंडर की सुविधा उपलब्ध कराना |
लाभार्थी | देश के सभी राशन कार्ड धारक |
Pradhan Mantri Ujjwala yojana 2.0
उज्ज्वला योजना की शुरुआत वर्ष 2016 मे हुई थी। लेकिन उस योजना को और बेहतर तरीके से लागू करने के लिए इसे फिर से नए सिरे से शुरू किया है ताकि ज्यादा से ज्यादा से लोग इस योजना का फायदा ले सके इस योजना को उज्ज्वला 2.0 नाम दिया गया है।
जिसकी शुरुआत पीएम नरेंद्र मोदी जी के द्वारा उत्तर प्रदेश के महोबा जिले मे एक हजार नए परिवारों को गेस कनेक्शन देकर की गई है। जिसमे लाभार्थियों को फ्री मे भरा हुआ गेस सिलेंडर दिया जा रहा है।
PM Ujjwala Yojana 2.0 will enhance the ‘Ease of Living’ of rural women through smoke-free kitchens. #PMUjjwala2 pic.twitter.com/fYgogZXEWS
— PIB India (@PIB_India) August 10, 2021
सरकार ने इस योजना के लिए वित्त वर्ष मे एक हजार करोड़ का फंड जारी किया है योजना का लाभ गरीब और कम ये वाले परिवारों को दिया जायेगा।
PM नरेंद्र मोदी उज्ज्वला योजना 2.0 की लांचिंग के दौरान बताया है कि इस योजना का लाभ उन परिवारों को भी मिलेगा जिनके पास राशन कार्ड या आधार कार्ड नहीं है।
उज्ज्वला योजना का मुख्य उद्देश्य :
- प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना ( pradhan mantri ujjwala yojana ) की शुरुआत वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से की गई थी। इस योजना का उद्देश्य भारत के प्रत्येक घर तक एलपीजी सिलेंडर को पहुंचाना है, ताकि जैविक ईंधन से होने वाले प्रदूषण से बचा जा सके।
- PM Ujjwala Yojana का बजट 80 बिलियन रुपए तय किया गया। इसी योजना के तहत 50 मिलियन एलपीजी कनेक्शन बीपीएल परिवारों को बांटे गए।
- उज्ज्वला योजना के पहले वर्ष में कनेक्शन का वितरण 22 मिलियन था। जो कि इसके तय किए गए लक्ष्य 15 मिलियन से कहीं अधिक था।
- PM Ujjwala Yojana के अंतर्गत 23 अक्टूबर 2017 तक 30 मिलियन नए कनेक्शन बांटे गए जिनमें से 44% अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों को दिए गए। इस योजना का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश के प्रत्येक घर तक एलपीजी सिलेंडर की पहुंच मुमकिन हो, चाहे वह शहरी इलाके में हो या ग्रामीण।
- Ujjwala Yojana का लक्ष्य 8 करोड़ एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना था | जिसकी समय सीमा मार्च 2020 तय की गई थी, लेकिन प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने अपना यह लक्ष्य सितंबर 2019 में ही पूर्ण कर लिया। जो इस योजना की अपार सफलता को प्रदर्शित करता है।
- भारत में 2018 तक 80 फीसदी परिवारों के पास एलपीजी कनेक्शन था | 2019 तक यह 95 फीसदी परिवारों को उपलब्ध हो पाया है , तो इसका एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना है।
- बिहार,उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में बांटे गए कनेक्शन का 44 फीसदी हिस्सा है, जो ये प्रदर्शित करता है, कि इस योजना का लाभ सीधे समाज के गरीब तबके तक पहुंचा है, क्योंकि ये वो राज्य हैं, जिनका गरीबी के मामले में रिकॉर्ड अच्छा नहीं रहा है। और यह बात जगजाहिर है।
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PM Ujjwala Yojana 2024
केंद्र सरकार pradhan mantri Ujjwala Yojana की समय सीमा और बढ़ा दी है |अब ऐसे मे वे परिवार इस योजना का लाभ ले सकते है जिन्होंने अभी तक एलपीजी गैस कनेक्शन नहीं लिया है। उज्ज्वला योजना के माध्यम से अगले दो वर्षों मे करीब एक करोड़ गैस कनेक्शन किये जायेगे जो योजना के तहत बिल्कुल फ्री होंगे।
इस योजना मे खर्च होने वाली राशि फरवरी माह मे होने वाले बजट सत्र मे ही तैयार कर ली गई थी | इस योजना के बारे मे नई सूचना केंद्रीय पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर के द्वारा दी गई है। योजना का लक्ष्य अगले दो वर्षों मे करीब एक करोड़ परिवारों तक इस योजन का लाभ पहुचना है।
केंद्रीय पेट्रोलियम सचिव तरुण कपूर के अनुसार एक कनेक्शन पर 1,600 रुपये का खर्च आएगा। जिसे सब्सिडी के मद से पूरा किया जाएगा। जिसके कारण घरों में खाना बनाने में शत प्रतिशत स्वच्छ ईंधन का लक्ष्य पूरा हो जाएगा।
उज्ज्वला योजना के लाभ
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ( Pradhan mantri Ujjwala yojana ) को अगर एक वाक्य में व्यक्त करना हो, तो मैं उसके लिए एक हिंदी मुहावरे का प्रयोग करूंगा जो कि है “आम के आम गुठलियों के दाम।”यानी यह योजना औरतों के लिए तो वरदान साबित हुई ही है।
- पर्यावरण के हिसाब से उज्ज्वला योजना किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना के कारण अब खाना पकाने के दौरान निकलने वाले धुआ से छुटकारा मिल जाएगा।
- एलपीजी कनेक्शन मिलने के बाद औरतों का खाना बनाने में लगने वाला समय कम हो गया है। जिसके कारण अब वे दूसरे कामों में समय दे सकती है और अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकती हैं।
- खाना बनाने के दौरान चूल्हे से निकलने वाला धुआं औरतों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होता है इस उज्ज्वला योजना के बाद औरतों को स्वास्थ्य की इस समस्या से भी छुटकारा मिल जायेगा।
- महिला सशक्तिकरण में पहली बात यही कही जाती है,कि अगर महिला आर्थिक रूप से स्वतंत्र होगी, तो महिला यकीनन सशक्त भी होगी।
- ग्रामीण इलाकों में औरतों का ज्यादातर समय खाना बनाने और फिर खाना बनाने के बाद खाना बनाने के लिए लकड़ियां इकट्ठा करने मे निकल जाता है |लेकिन अब इस योजना के बाद वह अपने समय का सदुपयोग कर सकती हैं, और अपने आप को किसी कुटीर उद्योग में लगा सकती है।
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- प्रधान मंत्री उज्जवला योजना के बाद देश की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी जिसके कारण उनके क्षेत्र की क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा। जो कि महिला के साथ साथ समाज की प्रगति का भी मार्ग प्रशस्त करेगा।
- प्रधान मंत्री उज्जवला योजना के द्वारा एलपीजी सिलेंडर मिलने के बाद खाना बनाने के लिए लकड़ी, गाय का गोबर, और कोयले का इस्तेमाल ना होने की वजह से पर्यावरण को होने वाले नुकसान में बहुत भारी कमी आएगी। जो इस पृथ्वी और इस पृथ्वी पर रहने वाले जीवों के लिए बहुत जरूरी है। इन सभी चीजों के जलने से जो धुआं निकलता है उस में कार्बन डाइऑक्साइड होता है जो हमारे वातावरण में जाकर उसे गर्म करता है।
- इसे ही हम ग्रीन हाउस इफेक्ट या ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं।
- यह हमारी पृथ्वी को एक कंबल की तरह ढके हुए हैं जिसमें से ऊष्मा अन्दर तो आ सकती है लेकिन बाहर नहीं जा सकती। और इसी वजह से हमारी पृथ्वी गर्म हो रही है इसका तापमान बढ़ रहा है। जो आने वाली मानव पीढ़ियों के लिए बहुत हानिकारक होगा|
आग जलाकर खाना बनाने के कुछ नुकसान :
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक भारत में हर साल 5 लाख मौतें खाना बनाने में जैविक ईंधन इस्तेमाल करने की वजह से होती है। इनमे ज्यादातर असमय और अपरिपक्व मौतों मे असंचारी रोग मुख्य कारक होते हैं जैसे दिल की बीमारी,स्ट्रोक, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज, और फेफड़ों का कैंसर आदि।
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घर के अंदर धुआं फैलने से जो आंतरिक वायु प्रदूषण होता है | वह आंतरिक वायु प्रदूषण ही बच्चों में एक्यूट रेस्पिरेट्री डिजीज का एक महत्वपूर्ण कारक है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चूल्हे में एक घंटा आग जलाने का मतलब होता है 400 सिगरेट को एक साथ जलाना । यहां यह बताने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है , कि सिगरेट स्वास्थ्य के लिए कितनी हानिकारक होती है।
उज्ज्वला योजना के कुछ नुकसान :
- जिस तरह से भगवान हैं तो शैतान भी है आग है तो पानी भी है यानी हर सिक्के के दो पहलू जरूर होते हैं। ठीक उसी तरह इस योजना की अगर अच्छाइयां हैं तो बुराइयां भी हैं। इन बुराइयों में पहली बुराई कालाबाजारी है। क्योंकि इस योजना के ज्यादातर लाभार्थी आर्थिक रूप से कमजोर थे तो उन्हें इस योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर तो मिल गया लेकिन उसकी रिफिलिंग के बढ़ते दामों की वजह से वह उसे दोबारा रिफिल नहीं करा पाए और खाना बनाने के लिए पारंपरिक ईंधन का वापस से इस्तेमाल करने लगे।
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- आंकड़ों के मुताबिक पिछले कुछ सालों से एलपीजी रिफिल ऑर्डर की संख्या लगातार घट रही है| 2018-19 में जहां यह औसत 2 .98 प्रतिवर्ष थी | वही 2017 और 18 में यह 3. 4 प्रति वर्ष थी। बीपीएल परिवारों द्वारा साल में सिर्फ तीन से चार रिफिल के आर्डर आते है। 3. 8 करोड़ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना उपभोक्ता जिनके पास है।
- कनेक्शन 1 साल या उससे अधिक समय तक दिसंबर 2018 तक की समय अवधि तक था। उनमें से 17.4 फीसदी ने दूसरे रिफिल कभी ऑर्डर ही नहीं किया | 33.15% ने 1 से 3 प्रति वर्ष ऑर्डर किए हैं | जो यह दर्शाता है कि आधे से ज्यादा उपभोक्ता वर्ष में सिर्फ 3.21% उपयोग करते हैं और आधे उपभोक्ता साल भर में सिर्फ 4 ही कराते हैं। 2.8 करोड़ उपभोक्ता हैं जिनका सिंगल कनेक्शन है और वो दिन भर में 2 से 20 रिफिल ऑर्डर करते हैं।
- इसलिए पहले की तरह अब भी भी एलपीजी गैस सिलेंडर का ज्यादातर इस्तेमाल होटल,रेस्टोरेंट जैसी कमर्शियल जगह पर हो रहा है। जो गैस सिलेंडर की कालाबाजारी को साफ-साफ दर्शाता है। 1662 उपभोक्ताओं पर किए गए सर्वे के मुताबिक अप्रैल 2016 से दिसंबर 2018 के बीच 35.4 फीसदी खाना बनाने के लिए जैविक ईंधन का इस्तेमाल कर रहे हैं जो कि एलपीजी से सस्ता है और आसानी से उपलब्ध है।
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- भारत में ज्यादातर LPG वितरण केंद्र शहरी और शहरी इलाकों तक है और ग्रामीण इलाकों में इसके वितरण केंद्र काफी दूर-दूर है इसलिए सिलेंडर की रिफिल कम होना का एक बड़ा कारण यह भी है इसी बात का फायदा वितरक उठाते हैं |
- इसलिए गैस वितरण कर्मचारी ग्रामीण इलाकों में शहरी इलाकों से अधिक दाम पर एलपीजी सिलेंडर मुहैया कराते हैं और बचे हुए पैसे अपनी जेब में रखते हैं। हालांकि गुण और दोष हर चीज में होते हैं , लेकिन फिर भी यह योजना भारत सरकार द्वारा साफ ऊर्जा के क्षेत्र में उठाया गया एक सराहनीय कदम है।
- प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना कालाबाजारी को तो बढ़ावा दे रही है, लेकिन इस योजना ने महिलाओं को सशक्त किया है | पर्यावरण के संरक्षण में मदद की है जिसके कारण
- पर्यावरण संरक्षित होगा तो मानव स्वास्थ्य में भी सुधार होगा।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में उठाया गया एक सराहनीय कदम है लेकिन इसमें कुछ सुधारों की जरूरत है ताकि लोगों को प्रोत्साहित किया जा सके कि वह साफ ऊर्जा का इस्तेमाल करें और पर्यावरण को सुरक्षित रखें और स्वस्थ रहें।
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उज्ज्वला योजना के लाभार्थी
- उज्ज्वला योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी का नाम SECC-2011 के आंकड़ों में होना चाहिए।
- इस योजना का लाभ केवल महिलाओं को ही मिल पाएगा जिसकी आयु 18 वर्ष से कम न हो।
- इस योजना का लाभ लेनी वाली महिला बीपीएल (BPL) परिवार से ही होनी चाहिए।
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए महिला का एक बचत खाता किसी भी राष्ट्रीय बैंक में होना अनिवार्य है।
- इस योजना के तहत गैस कनेक्शन लेने के लिए लाभार्थी महिला के घर में किसी के नाम से पहले से कोई एलपीजी कनेक्शन नहीं होना चाहिए।
- इस योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी महिला के पास बीपीएल कार्ड और और बीपीएल राशन कार्ड होना चाहिए।
राज्य के अनुसार गैस कनेक्शन लिस्ट
राज्य का नाम | कनेक्शन की संख्या |
उत्तर प्रदेश | 1,50 ,86,745 |
महाराष्ट्र | 46,47,456 |
छत्तीसगड़ | 32 ,48,456 |
झारखंड | 33,93,045 |
आंध्र प्रदेश | 4,40,423 |
केरल | 3,46,102 |
उड़ीसा | 49,10 ,49 8 |
बिहार | 89,81,765 |
पश्चिम बंगाल | 90,76,053 |
मध्य प्रदेश | 73,80,456 |
हरियाणा | 8,60,702 |
उत्तराखंड | 5 ,04,703 |
चण्डीगड़ | 115 |
पडुचेरी | 15 ,546 |
तेलंगाना | 11,60,302 |
तमिलनाडु | 33,40,250 |
सिक्किम | 10,247 |
राजस्थान | 65,72,452 |
मणिपुर | 1,60,456 |
मिजोरम | 30,563 |
गुजरात | 31,40,452 |
लक्षदीप | 345 |
हिमाचल प्रदेश | 1,50 ,554 |
गोवा | 1254 |
दिल्ली | 87,051 |
त्रिपुरा | 3,72,323 |
पंजाब | 14,20,567 |
नागालैंड | 57,453 |
PM Ujjwala Yojana के लिए जरूरी दस्तावेज
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- महिला आवेदक का आधार कार्ड
- आवेदक महिला के दो पासपोर्ट साइज फ़ोटो
- आवेदक के परिवार का बीपीएल राशन कार्ड
- आवेदक परिवार का सभी सदस्यों के आधार कार्ड नंबर
- महिला आवेदक का मूल निवास
- आवेदक महिला का जाति प्रमाण पत्र
- आवेदक महिले के जन धन बैंक की पासबुक ( अगर आपने अभी तक जन धन खाता नहीं खुलवाया है तो खुलवा ले )
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ कैसे ले ?
- उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन लेने के लिए BPL परिवार की कोई भी महिला आवेदन कर सकती है. इसके लिए आपको रजिस्ट्रेशन कराने के लिए अपना एक केवाईसी फॉर्म भरकर उसके साथ आधार कार्ड कॉपी और दो पासपोर्ट साइज फोटो अटैच करके किसी नजदीकी एलपीजी सेंटर में जमा करना होगा।
- इसके अलावा आपको फॉर्म में एड्रेस प्रूफ , जन धन बैंक खाते की पासबुक कॉपी भी जमा करनी होगी | यही नहीं आपको रजिस्ट्रेशन करते समय फार्म में ये जानकारी भी देनी होगी कि आप 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर लेना चाहते हैं या फिर 5 किलोग्राम का सिलेंडर।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ लेने के लिए आप फार्म को उज्ज्वला योजना की ऑफिशियल वेबसाइट से भी डाउनलोड कर सकते है | या नजदीकी एलपीजी सेंटर से भी प्राप्त कर सकते है।
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निष्कर्ष
दोस्तों इस लेख में हमने आपको केंद्र सरकार द्वारा गरीब महिलाओं के लिए खाना पकाने के लिए शुरू की गई एक योजना उज्ज्वला योजना के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी हैइस लेख मे हम आपको बताने वाले है कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना क्या है Pradhan mantri Ujjwala yojana Kya Hai , pradhan mantri ujjwala yojana 2.0, p m ujjwala yojana
कि किस प्रकार से कोई भी महिला इस योजना का लाभ उठा सकते है अगर आपको हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी अच्छी लगी है तो आप अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में भी बता सकते है और इस जानकारी को दुसरो के साथ भी शेयर करे ताकि वे भी इसका लाभ उठा सके।