प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना देश के खनन क्षेत्र की उन्नति के लिए शुरू की गई थी। देश के खनन क्षेत्र में तेजी लाना आवश्यक है, क्योंकि यह क्षेत्र देश में सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराने वाले क्षेत्रों में से एक है।
इसीलिए आज के इस लेख में हम आपको इस योजना की सारी जानकारियां देने वाले है, ताकि अगर आप इस क्षेत्र से संबद्ध है तो आप इसका लाभ उठा सके।
PM Khanij Kshetra Kalyan Yojana 2024
खनन देश में कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराता है। इस योजना को मकसद भी यही था की खनिज क्षेत्र की उन्नति हो ताकि जीतने भी लोग इससे जुड़े है उनका जीवन स्तर भी बेहतर हो जाए।
इसीलिए पुराने खनन कानूनों में संशोधन कर नया खनिज (विकास और विनिमय) अधिनियम 2015 मे पारित किया गया, इस योजना को शुरू किया गया।
खनिज क्षेत्र कल्याण योजना की आरंभ तिथि
2015 में खनिज अधिनियम में संशोधन करने के बाद 12 जनवरी 2015 को खनिज क्षेत्र कल्याण योजना आरंभ की गई थी।
संशोधन
संशोधन के बाद नए खनन कानून के अनुसार देश के हर राज्य के प्रत्येक जिले में डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फाउंडेशन (डीएमएफ) बनाए गए। ये (डीएमएफ) ही सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई निधि का उपयोग अपने जिले में खनन क्षेत्र में करेंगे। डीएमएफ से जुड़े सभी नियम राज्य सरकारे बनाएगी।
खनिज क्षेत्र कल्याण योजना का बजट
खनिज क्षेत्र कल्याण के लिए सरकार ने जो फंड तय किया है, वो प्रत्येक वर्ष लगभग 6 हजार करोड़ रुपए का होगा। इस योजना लिए जो फंड होंगे उन्हे खर्च के लिए दो क्षेत्रों प्राथमिक एवं द्वितयिक में बांटा जाएगा। इसमे प्राथमिक क्षेत्र को कुल निधि का 60 प्रतिशत तथा द्वितयिक क्षेत्र को 40 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा। ये प्रथमिक एवं द्वितयिक क्षेत्र के बारे में आप नीचे जानेंगे।
खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के उद्देश्य
- जिस क्षेत्र में खनन गतिविधियां होती है वहाँ के लोगों के स्वास्थ्य तथा खनन से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभावों को कम/दूर करना।
- खनन गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को लंबे जीवन के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना।
- उन लोगों को पीने के पानी की आपूर्ति, स्वच्छता और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना।
- बेहतर जीवन यापन के लिए निधि की शेष राशि का उपयोग मूलभूत ढांचे के विकास जैसे सड़क, रेलवे और अन्य सुविधाओ पर किया जाएगा।
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खनिज कल्याण योजना कर अंतर्गत फंड पाने वाले क्षेत्र
इस योजना में फंड को दो क्षेत्रों में बाँट दिया गया है, वो है प्राथमिक एवं द्वितीयक क्षेत्र
प्राथमिक क्षेत्र | द्वितीय क्षेत्र |
पेयजल आपूर्ति | सिंचाई |
पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण के उपाय | भौतिक संरक्षण |
स्वच्छता | ऊर्जा एवं आमूल विकास |
शिक्षा | |
स्वास्थ्य सेवा | |
कौशल विकास | |
महिला एवं बाल कल्याण |
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खनिज क्षेत्र कल्याण योजना की अन्य विशेषताएं
- इस योजना के तहत जो डीएमएफ बने है उन्हें प्राप्त होने वाली सालाना राशि का 5% जिसकी अधिकतम सीमा राज्य सरकारे निर्धारित करती है उसका उपयोग फाउंडेशन के प्रशासनिक, पर्यवेक्षण और अन्य खर्चों के लिए किया जाएगा।
- जो खनन क्षेत्र दो जिलों में पड़ते है उनके संचालन के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कीये जाएंगे।
- हर एक डीएमएफ अपनी खुद की वेबसाईट का संचालन करेगा और अपने सभी जानकारियों एवं समस्त विवरणों के आँकड़े सार्वजनिक करेगा।
- सभी डीएमएफ के खातों का प्रत्येक वर्ष अंकेक्षण किया जाएगा और इसे वार्षिक रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा।
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निष्कर्ष
खनन देश में कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार मुहय्य कराता है। अगर इस क्षेत्र में सुधार होता है, तो वो यकीनन एक बहुत बड़े तबके के जीवन को प्रभावित करेगा, यही कारण भी है की खनिज क्षेत्र कल्याण योजना एक आशा की किरण के समान नजर आ रही है। यह लेख यहीं समाप्त होता है अगर आपको यह पसंद आया तो शेयर जरूर करें और कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से हमें अपने सुझाव जरूर भेजे।