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बदलते समय के अनुसार लोगों दिनचर्या खान पान , रहने सहने के तरीके बदलते जा रहे है। जिसका पूरा असर मनुष्य की सेहत पर भी पढ़ रहा है। जिसके कारण मनुष्य को नई नई बीमारियों से सामना करना पढ़ रहा है। दूषित पर्यावरण , मिलावटी खान पान की वजह से ऐसी बीमारियां देखने को मिल रही है।

जिनका इलाज भी आसानी से नहीं मिल रहा है। जिन बड़ी बीमारियों का इलाज होता है। उन बीमारियों का इलाज इतना महंगा होता है कि किसी गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए उस खर्चे को झेल नहीं पाते है।

हैंडल करना काफी मुश्किल होता है। ऐसे में अगर कोई भी व्यक्ति किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाता है तो उस बीमारी का इलाज करवाने के लिए क्रिटिकल इंश्योरेंस पॉलिसी काफी मददगार साबित हो रही है।

ऐसे में आप इस पॉलिसी का लाभ लेकर अपनी समस्या का समाधान कर सकते है। अगर आप इस पॉलिसी के बारे में नहीं जानते है तो लेख को अंत तक पढे। इस लेख हम आपको बताने वाले है कि क्रिटिकल इंश्योरेंस पॉलिसी क्या है। Critical Illness Insurance Kya Hai कोई भी व्यक्ति क्रिटिकल इंश्योरेंस पॉलिसी का लाभ कैसे ले सकता है।

क्रिटिकल इंश्योरेंस पॉलिसी Critical Illness Insurance Hindi

क्रिटिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में गंभीर और जानलेवा बीमारियों का इलाज करवाने के लिए सुरक्षा कवर मिलता है। जैसे कि कैंसर, पैरालिसिस, दिल का दौरा पड़ना, ट्यूमर, किडनी फेल इत्यादि।

इस पॉलिसी के तहत इलाज करवाने वाले पीड़ित व्यक्ति हॉस्पिटल मे भर्ती होने के बाद इलाज की राशि जमा करने की जरूरत नहीं है। उसके इलाज का सारा खर्च इंश्योरेंस कंपनी उठती है।

बीमा कंपनी किन बीमारियों के तहत पीड़ित व्यक्ति को लाभ देती है इसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए कंपनियों की बीमारियों को कवर करने वाली सूची को जरूर पढे। सूची मे उसकी पूरी जानकारी होती है कि किन बीमारियों के तहत कंपनिया कवर प्रदान करती है।

लाभार्थी क्रिटिकल इंश्योरेंस पॉलिसी को दूसरी पॉलिसी पर क्रिटिकल इंश्योरेंस राइडर के साथ या दूसरे तरीके से भी खरीद सकते है। इस पॉलिसी पर टैक्स बैनफ़िट भी मिलता है।
आयकर कानून 1961 के तहत 25,000 रुपए तक और सीनियर सिटीजन 50,000 तक टैक्स छूट ले सकते हैं

क्रिटिकल इंश्योरेंस पॉलिसी Critical Insurance Plans के फीचर्स

  • क्रिटिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में पीड़ित व्यक्ति को को 36 क्रिटिकल इलनेस जैसे कि ट्यूमर, कैंसर, किडनी फेलियर, दिल इत्यादि शरीर से जुड़ी हुई बड़ी गंभीर बीमारियां के इलाज मे सुरक्षा कवर प्रदान किया जाता है। हेल्थ बीमा कराने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करे
  • कवर की जा रही बीमारी के लिए लंप-सम अमाउंट दिया जाता है.
  • क्रिटिकल इंश्योरेंस पॉलिसी प्लान करने के बाद अगर कोई व्यक्ति सूची मे दी गई किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हो जाता है तो उस बीमारी के तहत क्लेम मिलने की प्रक्रिया बहुत ही आसान है.
  • पीड़ित व्यक्ति को कवरेज वेटिंग पीरियड के खत्म होने के बाद ही मिलता है.

ये बीमारियां होती हैं कवर

  1. कैंसर एक निश्चित स्टेज का
  2. हार्ट अटैक(पहली बार)
  3. ओपन हार्ट कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग
  4. ओपन हार्ट रिप्लेसमेंट या हार्ट वाल्व रिपेयर
  5. निर्दिष्ट गंभीरता का कोमा
  6. किडनी फेलियर जिसमें डायलिसिस की जरूरत होती है.
  7. स्ट्रोक
  8. बोन मेरो ट्रांसप्लांट
  9. मेजर ऑर्गन ट्रांसप्लांट
  10. लिम्बस का परमानेंट लकवा
  11. मोटर न्यूरॉन डिसीज
  12. मल्टीपल स्क्लेरोसिस
  13. अप्लास्टिक एनीमिया
  14. बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस
  15. गूंगा पन
  16. एंड-स्टेज लीवर की बीमारी
  17. एंड-स्टेज लंग की बीमारी
  18. फूलमिनेंट वायरल हेपेटाइटिस
  19. मेजर बर्न्स
  20. मस्कुलर डिस्ट्रॉफी

क्रिटिकल इलनेस पॉलिसी से जुड़ी कुछ बातें

  • क्रिटिकल इंश्योरेंस पॉलिसी की सूची में शामिल बीमारी यानि कि क्रिटिकल इलनेस की डायग्नोसिस पर लाभार्थी को पॉलिसी कवर मिलता है। एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस क्या है इसका किस प्रकार फायदा उठाये
  • क्रिटिकल इंश्योरेंस का कवर राशि प्राप्त करने के लिए किसी हॉस्पिटल में भर्ती होने की जरूरत नहीं है। और न ही क्लेम का लाभ प्राप्त करने के लिए किसी बिल या रसीदों को जमा करने की आवश्यकता है।

अन्य महत्वपूर्ण बातें

इंश्योरेंस कंपनियां क्लेम देने के लिए कम से कम 30 से 90 दिन दिनों का इंतजार करने के लिए कहती कहती है। कुछ इंश्योरेंस कंपनियां कुछ बीमारियों के इलाज के लिए बीमारी की पूरी खर्च वहन नही करती है। इसलिए क्रिटिकल इंश्योरेंस का कवर लेने से पहले इसके बारे मे ध्यान से देख ले। इसे भी जरूर पढे : प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का फायदा कैसे उठाए

क्रिटिकल इंश्योरेंस कवर लेने से पहले अच्छे प्लान के बारे मे जानकारी प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन टूल का इस्तेमाल करके चेक कर ले।

इंश्योरेंस प्लान लेते समय केवल कम कीमत वाले प्लान पर फोकस न करे बल्कि प्लान में कंपनी की सेवा की क्वालिटी, दावे के निपटान का समय और अनुपात, शामिल बीमारियों की संख्या, इत्यादि पर भी विचार करें।

क्रिटिकल इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रकार

बेनिफिट पालिसी

क्रिटिकल इंश्योरेंस का कवर लेते समय हमेशा ऐसी कंपनी का चयन करें। जिसमें कैशलेस प्रतिपूर्ति या बेनिफिट पॉलिसी का ऑप्शन मौजूद हो। गंभीर बीमारी की पहचान होने के बाद कवर प्राप्त करने की अवधि तीस दिन की होती है । इसे भी पढे : – प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना क्या है ?

फ्लोटर पालिसी

अगर आप पूरे परिवार के लिए क्रिटिकल इंश्योरेंस का कवर लेना चाहते है तो आप फ्लोटर पॉलिसी कवर को ले सकते है। इस प्लान के तहत पति पत्नी और बच्चों को सुरक्षा कवर मिलता है। अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना

पर्याप्त सम इंश्योर्ड

गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए पर्याप्त सम इंश्योर्ड कवर को ही सबसे सुरक्षित माना जाता है।

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