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कोरोना महमारी के कारण ऑनलाइन ट्रांजेक्शन और वर्क फर्म होम करने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऑनलिन पेमेंट और ऑनलिन काम करने वालों की संख्या बढ़ने के कारण साइबर फर्जीवाड़े लगातार बढ़ते जा रहे है। जिसके कारण अब इंसयोरेंस कंपनियों ने इस समस्या का समाधान निकाल लिया है। उन्होंने लोगों को साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी की सुविधा देनी शुरू कर दी है। अगर आप भी इस सुविधा के बारे मे पूरी जानकारी पर प्राप्त करना चाहते है तो इस लेख को पूरा पढे। इस लेख हम आपको बताने वाले है कि साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी क्या है। कोई भी व्यक्ति इसका लाभ कैसे ले सकते है।

साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी Cyber Insurance Policy

4 जी इंटरनेट आने के बाद ऑनलाइन बिजनेस ,डिजिटल बैंकिंग , करने वाले यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। कोरोना महामारी आने के बाद घर से काम करने वाले और ऑनलाइन पढ़ाई करने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बढ़ती निर्भरता, साइबर अपराधियों के लिए आसान शिकार मुहैया करा रही ऐसें मे अगर आप ऑनलाइन ऐसा काम कर रहे है जिसके हैक होने से आपको भारी नुकसान हो सकता है। तो ऐसे लोगों के लिए कुछ कंपनिया साइबर इंश्योरेंस की सुविधा प्रदान कर रही है।

इंटरनेट फिरौती, फिशिंग ई-मेल, स्पूफिंग , या किसी भी प्रकार का ऑनलाइन फ्रॉड से होने वाले नुकसान से बचने के लिए साइबर इंश्योरेंस कंपनियां साइबर धोखाधड़ी को कवर की सुविधा दे रही है। साइबर इंश्योरेंस कवर देने वाली कंपनी साइबर सिक्योरिटी के तहत इंश्योरेंस कवर प्रदान करती है। कंपनियां 75 लाख रुपये तक का सुरक्षा कवर प्रदान करती है जिसके लिए आपको 9 से 10 हजार रुपये का प्रीमियम जमा करना होता है। अगर आपकी आयु 18 वर्ष से ऊपर है तो आप इस सुविधा का लाभ ले सकते है।

साइबर सुरक्षा कवर प्रदान करने वाली इंश्योरेंस कंपनी क्रिमिनल के खिलाफ मुकदमे का खर्च और डिफेंस कॉस्ट इंश्योरेंस पॉलिसी मुहैया कराती है। बहुत से मामलों मे कंपनी ग्राहकों को आर्थिक घाटा भी मुहैया करवाती है।

साइबर सुरक्षा कवर प्रदान करने वाली कंपनी बजाज एलायंज के अनुसार किसी के सिस्टम पर मैलवेयर अटैक की स्थिति में री-स्टोरेशन कॉस्ट को कंपनी सुरक्षा कवर के रूप में प्रदान करती है। इसके अलावा साइबर चोरी, फिशिंग या ईमेल स्पूफिंग से होने वाले नुकसान को भी इंश्योरेंस कंपनी कवर के रूप में प्रदान किया जाता है। इसे भी पढे :- थर्ड पार्टी इंसयोरेंस कैसे ले |

साइबर धोखाधड़ी के मामलों मे साइबर इंश्योरेंस कवर फॉरेंसिक कॉस्ट, बिजनेस में रुकावट के दौरान हुए घाटे, साइबर फिरौती और कानूनी खर्च को कवर करती है

साइबर इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम ग्राहकों की सुरक्षा और जरूरतों पर निर्भर करता है। इसके अलावा प्रीमियम कंपनी के रेवेन्यू साइज साइज पर निर्भर करता है।
ऑनलाइन बिजनेस और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के इस बढ़ते हुए दौर मे साइबर इंश्योरेंस की कवर लेने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जोकि आने वाले समय मे और भी बढ़ने वाली है। इसे भी पढे :- जीवन बीमा क्या है |

भारतीय रिजर्व बैंक ने भी साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए साइबर सिक्यॉरिटी से जुड़ी हुई कुछ गाइडलाइन जारी की है। इंडिया मे अभी दो ही साइबर सुरक्षा प्लान है। पहली है बजाज आलियांज की इंडिविजुअल साइबर सेफ इंश्योरेंस पॉलिसी. जबकि दूसरी है एचडीएफसी एर्गो की साइबर सिक्योरिटी

ऐसे में किसी भी कंपनी से कवर लेने से पहले तीन बातें जानना बेहद जरूरी है,

प्लान मे कौन कौन सी छीजे जोड़ी गई है। दूसरा प्लान की सब लिमिट क्या है। तीसरा साइबर फ्रॉड होने पर सुरक्षा कवर क्लेम कैसे मिलता है। एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस क्या है इसका किस प्रकार फायदा उठाये |

साइबर इंश्योरेंस प्लान लेने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातें

  • साइबर इंश्योरेंस प्लान लेने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
  • ईमेल स्पूफिंग और फिशिंग के चलते वित्तीय नुकसान
  • डिजिटल वॉलेट , ऑनलाइन बैंकिंग, डेबिट कार्ड , क्रेडिट कार्ड, बैंक खाते, मे धोखाधड़ी गोपनीयता पर हमले के कारण होने वाला नुकसान
  • स्पैम मैलवेयर वायरस किसी चोरी से कंप्यूटर या मोबाइल में डालकर होने वाले नुकसान पर होने वाला खर्च
  • पहचान की चोरी के बाद अभियोजन लागत से जुड़े नुकसान और खर्च
    मालवेयर की एंट्री से डेटा या कंप्यूटर प्रोग्राम को पहुंचे नुकसान के बाद इन्हें वापस इंस्टॉल करने पर होने वाले खर्च

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