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अगर आपके पास दो पहिया या फॉर व्हीकल है तो अपने थर्ड पार्टी इंसयोरेंस ( third party insurance ) का नाम जरूर सुना होगा लेकिन क्या आपको  इसके बारे पूरी जानकारी है कि अगर नहीं तो इस लेख को अंत तक पढे 

आज हम आपको इस लेख में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने वाले है कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या है third party insurance kya hai  और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के क्या क्या फायदे है या थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कैसे ले  | third party insurance kaise le जिसके कारण आप भी इसका लाभ उठा सकते है 

Table of Contents

थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस क्यों जरूरी है

सरकार ने नया वाहन खरीदने के साथ ही वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य कर दिया है| भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर 2018 से खरीदे गए सभी नए वाहनों का पांच साल के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य कर दिया है। अन्य-था बिना थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस के रोड पर गाड़ी चलाना गैर-कानूनी माना जाएगा |

देश में वाहन दुर्घटना की ख़बरे लगातार बढ़ती जा रही है| लेकिन दुर्घटना से चोट लगने या मौत होने की स्थिति में थर्ड पार्टी कवर की सीमा नहीं बताई गई है। कोर्ट द्वारा ही पीड़ित के लिए मुआवज़े की राशि तय की जाती है | और उसका भुगतान इंश्‍योरेंस कंपनी करती है। 

आपके टू-व्हीलर से दूसरे लोगों के वाहनों और उनकी प्रॉपर्टी को होने वाला  नुकसान आपके लिए बहुत तनावपूर्ण और महँगा साबित हो सकता है| इस कारण से, मोटर वाहन एक्ट, 1988 के तहत कानून थर्ड पार्टी टू-व्हीलर इंश्योरेंस अनिवार्य कर दिया गया है इसलिए सड़को पर चलने वाले वाहनों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण माना गया है | 

थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस क्या है Third Party Insurance Kya Hai

थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस को मोटर वाहन अधिनियम के तहत अनिवार्य कर दिया  गया है। अगर आपसे अनजाने में सड़क पर किसी प्रकार की कोई दुर्घटना हो जाती है तो वहां पर थर्ड पार्टी बीमा की आवश्‍यकता वहां होती है।

यह बीमा आपके ऊपर पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम कर देता है | तीसरे पक्ष के दावे के मामले में पार्टी तय करने के लिए एक विशेष अदालत, मोटर दुर्घटना दावा ट्रिब्यूनल (MACT) स्थापित किया गया है जो क्‍लेम से जुड़े निर्णय करता है।

थर्ड पार्टी बीमा को लाइबिलटी कवर के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमा तीसरे पक्ष से संबंधित होता है। अगर किसी ने वाहन का थर्ड पार्टी बीमा कराया है और उसके वाहन से कोई दुर्घटना हो जाती है  तो तीसरी पार्टी को बीमा कंपनी क्लेम देती है।

यहां फ़र्स्ट पार्टी वाहन चलाने वाला और थर्ड पार्टी वाहन की चपेट में आने वाला होता है। वाहन की चपेट में आने वाले के आर्थिक नुकसान की के लिए सुप्रीम कोर्ट ने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को अनिवार्य दिया है। यह बीमा वाहन मालिक को भी बचाता है। 

थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस कानून Third Party Insurance Low

सड़को पर वाहन चलाने के लिए थर्ड-पार्टी बीमा अनिवार्य है आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 146 के अनुसार, सड़कों पर वाहन चलाने के लिए थर्ड-पार्टी बीमा अनिवार्य है। अगर आपको भी वाहन धारक थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस खत्म होने के बाद उसे रिन्यू नहीं कराते हैं, तो बिना थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस के गाड़ी चलाते समय अगर आप पकड़े जाते हो तो आपको 2,000 रुपये का जुर्माना चुकाना होगा | 

व्हीकल इंश्‍योरेंस कितने प्रकार के होते है ?

फुल टाइम बीमा Full Time Insurance

इस बीमे में अगर किसी बीमित वाहन के साथ किसी प्रकार की कोई दुर्घटना हो जाती है तो सभी तरह के नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी द्वारा की जाती है| इसमें दुर्घटना के समय वाहन में बैठे लोगों के साथ ड्राइवर और वाहन के अलावा सामने वाले वाहन, उसमें बैठे लोग और ड्राइवर के आर्थिक नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करती है।

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस Third Party Insurance

इस व्हीकल बीमा के अंतर्गत थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का प्रावधान है। अगर किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की वजह से तीसरे पक्ष को आर्थिक क्षति या मृत्यु हो जाती है तो इसका भुगतान बीमा कम्पनी द्वारा किया जाता है | 

थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस की कुछ महत्वपूर्ण बाते 

  • मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत सड़को वाले सभी मोटर वाहनों के लिए थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस या थर्ड पार्टी बीमा कवर लेना बेहद जरूरी है. क्यों इस बीमे से आपको ही फायदा है|
  • थर्ड पार्टी इन्स्योरेन्स में बीमा कराने वाला पहली पार्टी होता है| बीमा कंपनी दूसरी पार्टी होती है| तीसरी पार्टी वह होती है, जिसे बीमा कराने वाला व्यक्ति से अनजाने में नुकसान पहुंचता है| इस बीमे में तीसरी पार्टी ही नुकसान के लिए दावा अपना दावा ठोक सकती है|
  • थर्ड पार्टी इन्स्योरेन्स आपके वाहन से दूसरे लोग और उनकी संपत्ति को हुए नुकसान को ही बीमा कवर प्रदान करती है |
  • अगर बीमित वाहन से ड्राइवर शराब या ड्रग्स जैसे नशीले पदार्थों के प्रभाव में ड्राइविंग, करता है और उससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना हो जाती , ऐसी स्थिति में  जानबूझकर एक्सीडेंट करने जैसी स्थितियों में क्लेम वैध नहीं माना जाता है|

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थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के फायदे

  • बहुत से लोगो की यह सोच रहती है कि थर्ड पार्टी इन्स्योरेन्स करवाने का कुछ फायदा नहीं है | यह बात सही भी है , मगर बीमा कराने का  कोई घाटा भी नहीं होता। क्योंकि यह इंश्योरेंस वाहन मालिक को सभी वाहन दुर्घटना में आर्थिक नुकसान से बचाता है। इन ख़र्चों में अस्पताल और कानूनी खर्च भी शामिल होते हैं। कई बार ऐसी समस्या भी सामने आ जाती है कि क्षतिग्रस्त होने वाले की हैसियत आपसे कई गुना ज्यादा हुई तो आप उसको हर्जाना देने लायक नहीं होते ऐसे में आपको थर्ड पार्टी इश्योरेंस कम्पनी के द्वारा  पीड़ित व्यक्ति को क्लेम देने के मदद मिलती है। 
  • भारत सरकार के द्वारा बनाये गए कानून के अनुसार दुर्घटना से होने वाले शारीरिक और संपत्ति नुकसान का न्यूनतम मूल्य वाहन चालक को चुकाना पड़ता है|
  • अगर थर्ड पार्टी वाहन बीमा के अंतर्गत दुर्घटनाग्रस्त में आदमी को किसी भी प्रकार का शारीरिक नुकसान पहुँचता है  तो उसका हर्जाना बीमा कंपनी भरती है। इसमें अस्पताल का खर्च, उसकी कमाई का नुकसान और अन्य परेशानियों का खर्च शामिल किया जाता है। 
  • थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत दूसरे पीड़ित की संपत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी करती है। यहां आपको ध्यान देना होगा कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत केवल दुर्घटना से हुए आर्थिक नुकसान की भरपाई ही बीमा कंपनी करती है। अगर आप किसी आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हो तो ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी आपकी कोई मदद नहीं करेगी |

थर्ड पार्टी टू व्हीलर इंश्योरेंस के तहत क्या-क्या कवर है

  • अनजाने के अगर किन्ही कारणों से आपके बीमित टू-व्हीलर से एक्सीडेंट होने के बाद कोई व्यक्ति घायल या मृत हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में थर्ड पार्टी टू-व्हीलर इंश्योरेंस का उपयोग किया जा सकता है | इस इंश्योरेंस के माध्यम से विकलांगता या मृत्यु के कारण होने वाले मेडिकल खर्चें या आय की हानि का क्लेम भी किया जा सकता है| यहां तक कि शारीरिक क्षमताओं के कारण हुए आय के नुकसान के मुआवज़े के लिए भी आसानी से क्लेम किया जा सकता है|
  • अगर आपका टू-व्हीलर थर्ड पार्टी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया है, तो थर्ड पार्टी बाइक इंश्योरेंस के माध्यम से उस  खर्च का भुगतान आसानी से किया जा सकता है| IRDA के नियमों के अनुसार, थर्ड पार्टी टू-व्हीलर इंश्योरेंस के तहत रु.1 लाख तक के थर्ड-पार्टी प्रॉपर्टी के नुकसान को कवर किया जाना चाहिए|
  • दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में, अगर बीमित टू-व्हीलर से किसी अनजान शक्श की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में थर्ड पार्टी इन्स्योरेन्स की सहायता से उन पीड़ितों को मुआवजा दिया जाएगा | 
  • अगर किसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना की वजह से , बीमित टू-व्हीलर का मालिक या राइडर की एक्सीडेंट के कारण मृत्यु या  विकलांगता को प्राप्त होता है, तो ऐसी स्थिति में उन्हें नुकसान होना मुआवजा दिया जाएगा |
  • अगर कोई भी ड्राइवर शराब , ड्रग्स , या किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन करके बीमित वाहन पर ड्राइविंग करता है और उसके साथ किसी भी प्रकार की दुर्घटना हो जाती है तो  ऐसी स्थिति में आप थर्ड पार्टी इश्योरेंस पॉलिसी का लाभ नहीं ले पाओगे |

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थर्ड पार्टी इंश्योरेंस ऑनलाइन वेबसाइट

अगर आप सीधे ऑनलाइन कंपनी के द्वारा थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेना चाहते है तो आप नीचे दी गई कुछ कंपनी की वेबसाइट से भी डायरेक्ट इंश्योरेंस ले सकते है | 

थ्रेड पार्टी इंश्‍योरेंस क्लेम कैसे ले ? ( Third Party Insurance Claim Kaise le )

  • थर्ड पार्टी क्‍लेम, थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस क्लेम लेने के लिए MACT के साथ कानूनी प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। इसलिए समय पर पुलिस को सूचित करके एफ़आईआर दर्ज करें। अगर बीमित वाहन से दुर्घटना किसी दूसरे व्यक्ति से हुई है तो जरूरी है कि इसकी सूचना पहले वाहन मालिक को दे और मालिक को तत्‍काल दुर्घटना के बारे में अपनी बीमा कंपनी को सूचित करना चाहिए।1

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  • अगर बीमित वाहन के साथ किसी प्रकार की दुर्घटना हो जाती है तो दुर्घटना स्थल से वाहन हटाने से पहले तुरंत दुर्घटना और उसकी वजह से हुए नुकसान की मोबाइल में एक फोटो क्लिक कर लें। क्‍लेम फॉर्म में  दुर्घटना की विस्तार से और सही ढंग से घटना की पूरी जानकारी लिखे | जितना हो सके घायलों को नज़दीकी अस्पताल में भर्ती कराये | अस्पताल का भुगतान करने के लिए बीमा कम्पनी को तुरंत जानकारी दे |
  • दुर्घटना होने के बाद थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस क्‍लेम का जल्द से जल्द दर्ज किया जाना महत्वपूर्ण है। इसके लिए कोई लिखित नियम नहीं है, फिर भी दुर्घटना के 24 से 48 घंटे के भीतर बीमा कंपनी को सूचित करना  आवश्यक है | अगर आपका मामला अदालत में लंबित है, तब भी आपको लिए बेहतर होगा कि आप लगातार अपनी बीमा कंपनी के संपर्क में रहें।
  • इन सभी पर्किर्यो को पूरा करने के बाद आप आसानी से क्लेम ले सकते है|2

थर्ड पार्टी क्‍लेम लेने के लिए आपको कुछ दस्तावेज़ों की आवश्यकता भी होती है

  • इंश्‍योरेंस पर्सन की ओर से हस्ताक्षर किया गया क्‍लेम फॉर्म
  • ड्राइविंग लाइसेंस की कॉपी, पॉलिसी और FIR की कॉपी
  • बीमित वाहन की आरसी की कॉपी
  • आवश्यक स्‍टांप यदि कंपनी के रजिस्टर्ड वाहन के मूल दस्तावेज़ के मामले में
  • कॉमर्शियल वाहन के मामले में परमिट और फिटनेस, जहां लागू होता हो

इंश्योरेंस क्लेम रिजेक्ट होने से कैसे बचे 

अगर आपका रोड पर बड़ा एक्सीडेंट हो गया है तो आपको तुरंत देर किया बिना सबसे पहले पुलिस स्टेशन मे एफआईआर दर्ज करनी चाहिए | एफआईआर दर्ज करने के बाद उसकी एक कॉपी अपने पास भी रखे लेकिन अगर आपका एक्सीडेंट ज्यादा बड़ा नहीं है तो बिना एफआईआर दर्ज किए भी काम चल सकता है | 

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अगर आपका किसी भी छोटा या बड़ा किसी भी प्रकार का एक्सीडेंट हो जाता है तो आपको 7 दिनों के अंदर अंदर अपनी इंसयोरेंस कॉम्पनी को इसकी जानकारी देना अनिवार्य है लेकिन ज्यादातर इंसयोरेंस कॉम्पनिया एक्सीडेंट होने के 24 से 48 घंटे के बाद ही जानकारी मांगती है इसलिए जरूरी है कि घटना होने के तुरंत बाद ही अपनी कॉम्पनी को इसकी सूचना दे 

इंसयोरेंस लेने के बाद अगर आपके साथ किसी भी प्रकार की सड़क दुर्घटना हो जाती है तो उसका क्लेम लेने के लिए आपको कॉम्पनी के द्वारा कुछ दस्तावेज दिए जाते है |इसलिए दुर्घटना होने के बाद क्लेम लेने के लिए इंश्योरेंस कंपनी तक उन दस्तावेजों को जमा कर दे तभी कंपनी उनकी जांच करेगी | क्लेम लेने के लिए आप इंसयोरेंस कॉम्पनी से दस्तावेजों के बारे मे भी जानकारी ले सकते है दस्तावेज के रूप मे मोटर क्लेम फार्म म इंसयोरेंस पॉलिसी फार्म , रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट ड्राइविंग लाइसेंस , आधार कार्ड इत्यादि जमा करने पड़ते है तभी आप कम्पनी से क्लेम ले सकते है | 

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अगर आपके साथ किसी प्रकार की सड़क दुर्घटना हो जाती है लेकिन आप जखमी होने के बावजूद फ़ोटो ले सकते है तो सबसे पहले अपना और दुर्घटना स्थल का फ़ोटो ले ये आपके क्लेम को मजबूत बनाता है | इस प्रकार की फ़ोटो आपके लिए वेलिड प्रूफ का का कार्य करती है |

निष्कर्ष

दोस्तों इस लेख में हमने आपको थर्ड पार्टी इन्स्योरेन्स के बारे में संपूर्ण जानकारी दी है कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या है third party insurance kya hai  और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के क्या क्या फायदे है या थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कैसे ले  | third party insurance kaise le जिसके कारण आप भी इसका लाभ उठा सकते है अगर आपको ये जानकरी अच्छी लगी हो तो आप अपनी राय हमे कमेंट बॉक्स में भी बता सकते है लेकिन अगर आपका थर्ड पार्टी इन्स्योरेन्स को लेकर किसी प्रकार का सवाल है तो आप हमसे कमेंट करके पूछ सकते है|

  1. कार इंश्‍योरेंस ऑनलाइन कैसे ले | []
  2. 4 तरह की होती है बीमा पॉलिसी, नुकसान को ऐसे करती है कवर| []

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