राष्ट्रीय गोकुल मिशन Rrashtriya Gokul Mission केन्द्रीय सरकार द्वारा शुरू किया गया था। ये योजना देश में पशुओं की नस्लों में सुधार के किये शुरू की गई। इसके द्वारा गायों की नस्लों को वैज्ञानिक विधि से बेहतर बनाया जा रहा है, ताकि स्वदेशी नस्लों की दूध देने की क्षमता को बढ़ाया जा सके। यदि आप इसके बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो इस लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
Rrashtriya Gokul Mission 2024
ये योजना भारत सरकार ने शुरू की थी। इसकी घोषणा 25 जुलाई 2014 को केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह जी ने की थी| ये मिशन देश में गायों की नस्लों को बेहतर बनाने के लिए आरंभ किया गया था। इसके साथ ही इससे पशुपालन के लिए वैज्ञानिक विधि को प्रोत्साहन मिला है। इसके अलावा ये गायों के संरक्षण एवं उनकी उत्पादकता को बढ़ाने में भी सहायक सिद्ध हुआ है।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन का आधिकारिक विवरण
नाम | राष्ट्रीय गोकुल मिशन ( Rrashtriya Gokul Mission ) |
प्रारंभ की तिथि | 25 जुलाई 2014 |
संचालनकर्ता | भारत सरकार |
उद्देश्य | पशुपालन में वैज्ञानिक विधि के प्रयोग को बढ़ावा देना |
लाभार्थी | पशुपालन |
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के उद्देश्य
- पशुपालन के लिए वैज्ञानिक विधि के इस्तेमाल को बढ़ावा देना
- स्वदेशी नस्लों का उन्नयन एवं उनके संरक्षण करना
- उच्च आनुवंशिकता वाले सांडों का संरक्षण एवं उनका उचित वितरण
- गिर, साहीवाल, लाल सिन्धी, देवनी, राठी, थारपारकर जैसी उच्च नस्ल की गायों के इस्तेमाल से स्वदेशी नस्लों की आनुवंशिकी को बेहतर बनाना
- पशुपालकों की गायों के लिए कृत्रिम गर्भाधान की सेवाओं की व्यवस्था करना
- जिनोमिक्स के जरिए उच्च आनुवंशिकता वाले बैलों का चयन करना
उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत किये जाने वाले कार्य
- इस मिशन के अंतर्गत पशुओं के लिए एकीकृत केंद्र बनाना जिन्हें गोकुल ग्राम कहा जाता है।
- जर्मप्लाज्म संरक्षण करने वाली संस्थाओं को मदद मुहैया कराना।
- ब्रीडर्स सोसाइटी यानी कि गोपालक संघों का निर्माण करना।
- स्वदेशी पशु विकास कार्यक्रम में काम करने वालों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
- स्वदेशी नस्लों की गायों के लिए नियमित अंतराल पर दूध प्रतियोगिताएं आयोजित करना।
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राष्ट्रीय गोकुल मिशन के संचालन के लिए उत्तरदायी संस्थाएं
इस योजना का संचालन राज्यों के पशुधन विकास बोर्ड करेंगे। इसके लिए फंड जुटाने का जिम्मा एकीकृत स्वदेशी पशु केंद्र का होगा। सीसीबीएफ, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, सहकारी समितियां एवं गौशालाएं इसे सुचारू रूप से चलाने के लिए सहायता प्रदान करेंगी।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत होने वाली आर्थिक गतिविधियां
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राष्ट्रीय गोकुल मिशन ( Rrashtriya Gokul Mission ) के अंतर्गत निम्न आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- दूध के उत्पादन को बढ़ाना
- गोबर के द्वारा बने जैविक खाद को बनाना एवं जैविक खेती में इसका इस्तेमाल एवं बिक्री करना
- बायोगैस या गोबर गैस के द्वारा बिजली उत्पन्न करना
- पशुओं के द्वारा मिलने वाले अन्य उत्पादों की गुणवत्ता पर ध्यान देना
इन सबके द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मददगार साबित होगा। ये लेख यहीं समाप्त होता है। अगर आपको ये लेख अच्छा लगा तो इसे शेयर जरूर करें।अगर कोई सुझाव या विचार है तो आप हमें कमेंट कर सकते है।