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बजट एक ऐसा शब्द है, जिसका आम इंसान से लेकर सरकार तक सभी का वास्ता है। कहां से आमदनी होगी, कहां कितना खर्च होगा। कितने पैसे बचेंगे या कहां कटौती करनी पड़ेगी। इस बारे में हमें सबकुछ सोचना पड़ता है। ऐसे में आप सोच सकते होंगे कि जब एक परिवार का बजट बनाने में इतनी माथापच्ची होती है, तो देश का बजट कैसे तैयार होता होगा।

किसी भी देश को चलाने के लिए बजट के रोल बहुत अहम होता है। बजट एक ऐसी प्रकिरया है। जिसमे तय किया जाता है कि सरकार कितना पैसा किन किन सेक्टरों मे खर्च करेगी। किन किन सेक्टरों से सरकार की कमाई होगी। इत्यादि अगर आप बजट के बारे मे नहीं जानते है तो इस लेख को अंत तक पढे। इस लेख मे हम आपको बताने वाले है की बजट क्या है । बजट कैसे बनाता है। बजट कैसे पेश किया जाता है। BUDGET KYA HAI BUDGET KAISE BANTA HAI इत्यादि

बजट तैयार करने की प्रक्रिया एक लंबी प्रक्रिया होती है। जिसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के मुताबिक प्रत्येक वर्ष फरवरी महीने की पहली तारीख को लांच किया जाता है। इसी कारण इस सत्र को बजट सत्र के नाम से भी जाना जाता है।

बजट को हम इसी प्रकार से समझते है जिस प्रकार से घर का बजट बनाया जाता है। कि हमारी आमदनी कितनी है। हमे कितना खर्च कहा करना है। परिवार मे खर्च करने वालों की कितनी संख्या है। जिसके कारण सभी लोगों का आसानी से खर्च चल सके। आपको उधार लेने की जरूरत न हो । इन सब बातों को ध्यान मे रखकर ही बजट तैयार किया जाता है।

घर का बजट बनाना आसान होता है। लेकिन जब बात पूरे देश का बजट बनानी की हो। तो इसमे काफी समय लगता है । इसलिए बजट तैयार करने मे सरकार को कम से कम पाँच महीने का समय लगता है। इस वर्ष का बजट पेषण किया जा चुका है। अब वर्ष 2022-23 का अगला बजट एक फरवरी 2023 को जारी किया जायेगा। इस लेख मे हम आपको बजट से जुड़ी हुई सभी महत्वपूर्ण बातों के बारे मे आसान भाषा मे समझा रहे है।

बजट क्या होता है ?

भारतीय संविधान अनुच्छेद 112 के मुताबिक केंद्रीय बजट सरकार की कमाई और खर्च का लेखा जोखा होता है। जो हर वित्त वर्ष के शुरुआत मे संसद मे पेश किया जाता है। वित्त वर्ष की अवधि एक अप्रैल से 31 मार्च तक होती है। देस का बजट इसी अवधि के लिए जारी किया जाता है। देश मे ज्यादातर बजट एक प्रत्येक वर्ष एक फरवरी को जारी किया जाता है।

देश का बजट कौन बनाता है?

बहुत से लोगों को छोटे से घर का बजट बनाने मे भी काफी परेशानी होती है। लेकिन यह हम देश के बजट की बात कर रहे है तो जाहिर है की ये एक लंबी प्रकिरया होती है। जिसे तैयार करने मे भी काफी समय लगता है। जिसे तैयार करने मे वित्त मंत्रालय दूसरे मंत्रालयों , विभागों और बड़े बड़े अर्थ शास्त्रियों के साथ मिलकर तैयार किया जाता है।

बजट बनाने से पहले देश के सभी मंत्रालयो और राज्यों की अपनी मांगों को बताना होता है।
इसलिए वित्त मंत्रालय के ऊपर सभी मंत्रालयों और राज्यों की जरूरतों को पूरा करने की भारी जिम्मेदारी होती है। लेकिन बजट मे वित्त मंत्रालय सभी को खुश नहीं कर सकता है। इसलिए हर बार कुछ न कुछ कमी जरूर रह जाती है।

बजट कैसे बनता है?

बजट तैयार करने की प्रकिरया जारी करने से लगभग पाँच पहले शुरू हो जाती है। जिसे तैयार करने से पहले वित्त मंत्रालय । नीति आयोग , दूसरे मंत्रालयों और विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करते है। जिसमे मंत्रालयों उर विभागों से उनकी जरूरतों के बारे मे पूछा जाता है। बैटक मे बजट का एक ब्लू प्रिन्ट तैयार होता है। फिर वित्त मंत्रालय उस ब्लू प्रिन्ट को ध्यान मे रखकर ही बजट तैयार करता है ।

वित्त मंत्रालय का फाइनल बजट तैयार करने की जिम्मेदारी डिवीजन नोडल एजेंसी की होता है। बजट मे खर्च होने वाला खर्च कहा से आयेगा। उसके लिए टैक्स विभाग और आरबीआई की मदद ली जाती है।

बजट कैसे पेश किया जाता है?

बजट तैयार होने के बाद बजट डॉक्यूमेंट की छपाई होती है। उसके बाद वित्त मंत्रालय सरकार और स्पीकर से बजट पेश करने की तारीख पर सहमति लेता है। यही नहीं बजट पेश करने से पहले लोकसभा सचिवालय के महासचिव और राष्ट्रपति की मंजूरी भी लेनी होती है ।

बजट पेश होने से तकरीबन एक हफ्ते पहले वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी करता है।
उसके बाद संसद मे बजट जारी करने से पहले वित्त मंत्री का भाषण होता है। उसके बाद ही बजट संसद मे रखा जाता है।

देश का बजट GDP पर आधारित होता है

देश की जीडीपी को ध्यान मे रखकर ही बजट तैयार किया जाता है। अगर आप नहीं जीडीपी के बारे मे नहीं जानते है तो आप हमारे जीडीपी वाले लेख को पूरा पढे। देश में वर्ष मे उत्पादित प्रोडक्ट या सर्विसेज के मौजूदा बाजार मूल्य को GDP कहते हैं। GDP की फूल फोरम ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट होती है।

देश का बजट जीडीपी पर आधारित होता है। यानि की बिना जीडीपी के देश का बजट तैयार करना असंभव होता है। जीडीपी की मदद से ही वित्त मंत्रालय यह पता लगा पाता है कि राजकोषीय घाटा कितना रखना है। और आने वाले वर्ष में सरकार की कितनी कमाई होगी। कैसे गरीब परिवार उज्ज्वला योजना का लाभ ले सकते हैं ?

इसलिए कमाई का अंदाजा लगाए बगेर बजट मे कितना पैसा खर्च होगा। इन सब चीज का पता लगाना जीडीपी के बिना मुश्किल होता है।

बजट में कौन कौन सी प्रमुख बातें शामिल होती हैं

आसान भाषा मे कहा जाए तो सरकार का बजट उसकी कमाई और खर्च का पूरा ब्योरा होता है। खर्चों मे नागरिकों की कल्याण योजनाओं पर खर्च, आयात पर खर्च, डिफेंस पर खर्च और वेतन और कर्ज पर दिया जाने वाला ब्याज हैं। इसके अलावा सरकार की होने वाली कमाई के हिस्से मे टैक्स, सार्वजनिक कंपनियों की कमाई और बॉन्ड जारी करने से होने वाली कमाई शामिल हैं।

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केंद्रीय बजट को दो हिस्सों में रेवेन्यू बजट और कैपिटल बजट मे बांटा जा सकता है

रेवेन्यू बजट

रेवेन्यू बजट मे सरकार की होने वाली कमाई और खर्च का लेखा जोखा होता है। इसमे सरकर का मिलने वाला रेवेन्यू प्राप्ति या कमाई रेवेन्यू खर्च शामिल होते हैं। सरकार को मिलने वाला रेवेन्यू या कमाई दो प्रकार की होती है। टैक्स और नॉन-टैक्स रेवेन्यू

रेवेन्यू खर्च

रेवेन्यू खर्च मे सरकार के रोज के कामकाज और नागरिकों को दी जाने वाली सर्विसेज पर होने वाला खर्च है। ऐसें मे यदि सरकर का रेवेन्यू खर्च उसके रेवेन्यू प्राप्त करने से ज्यादा होता है तो सरकार को राजस्व घाटा या रेवेन्यू डेफिसिट होता है।

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