आज के इस दौर में जिस तरीके से इंसान जीवाश्म ईंधनों पर निर्भर करता है वो बहुत खतरनाक स्तिथि है। और इस खतरनाक स्तिथि की भनक इंसान ने इन ईंधनों के अंधाधुंध विदोहन करके दे दी है। हालांकि सरकारें इस बारे में जागरूक है और वो परिस्तिथि की गंभीरता को समझती भी है, जिसका ताज़ा उदाहरण गो इलेक्ट्रिक अभियान है।
यदि आप इसके बारे में जानना चाहते है तो इस लेख को पूरा अवश्य पढे। इस लेख मे हम आपको बताने वाले है कि गो इलेक्ट्रिक अभियान क्या है Go Electric Abhiyan Kya Hai और इस अभियान से देश के लोगों को किस प्रकार फायदा मिलेगा।
गो इलेक्ट्रिक अभियान की आधिकारिक जानकारियाँ
योजना का नाम | गो इलेक्ट्रिक अभियान |
आरंभ की तिथि | 19 फरवरी 2021 |
आरम्भकर्ता | श्री नितिन गडकरी जी |
योजना का उद्देश्य | जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता को कम करना |
कार्य क्षेत्र | खाना बनाने से लेकर जीतने भी कामों में जीवाश्म ईंधनों से बनी ऊर्जा का प्रयोग होता है। |
Go Electric Abhiyan 2024
गो इलेक्ट्रिक अभियान देश की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए शुरू किया गया है। यह अभियान एक तीर से कई निशाने लगाने की तरह है। क्योंकि एक तो इससे देश में जीवाश्म ईंधनों के प्रयोग में कमी आएगी जो पर्यावरण के लिए बहुत अच्छा है।
दूसरा हमारा देश के व्यापार घाटे की एक बहुत बड़ी वजह ही ऊर्जा के लिए पेट्रोलियम का आयात करना है। अब यदि इसके विकल्प के तौर पर सरकार इलेक्ट्रिसिटी को बढ़ावा दे रही है, तो ये सरकार के उन पैसों को बचा सकता है जो देश को चलाने के लिए क्रूड ऑइल खरीदने पर खर्च होते थे।
गो इलेक्ट्रिक अभियान के उद्देश्य
- जिन उद्देश्यों से गो इलेक्ट्रिक अभियान शुरू हुआ है वो नीचे दिए गए है।
- गो इलेक्ट्रिक अभियान का जो पहला और सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य है वो तो यही है की देश को जीवाश्म ईंधनों से होने वाले नुकसान में कमी की जाए ताकि हम अपने पैसे से खरीदी चीज से ही खुद को नुकसान पहुंचाना बंद कर दे।
- दूसरा ये है की देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों और परिवहन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है जिसका देश को भविष्य में बहुत ज्यादा फायदा मिल सकता है।
- तीसरा उद्देश्य यह है कि देश में जीवाश्म ईंधनों से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोके।
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देश को गो इलेक्ट्रिक अभियान से होने वाले लाभ
देश को Go Electric Abhiyan से बहुत सी सौगातें मिल सकती है जिनमें से चंद को नीचे पेश किया जा रहा है।
- जैसा की इस लेख में मैंने आपको पहले भी बताया था कि हम पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर बहुत अधिक पैसा खर्च करते है हर साल औसतन 8 लाख करोड़ रुपए हमारा व्यापार घाटे की सबसे बड़ी वजह ही यही है क्योंकि भारत का औसतन व्यापार घाट भी 10 से 11 लाख करोड़ के बीच ही रहता है | जिसमे यकीनन गो इलेक्ट्रिक अभियान के बाद कमी आ सकती है |
- पारंपरिक ईंधन के मुकाबले इलेक्ट्रिक ईंधन प्रदूषण कम करता है जो पर्यावरण के संरक्षण में मददगार होगा।
- जो लोग खाना बनाने के लिए LPG सिलिन्डर का इस्तेमाल करते है इलेक्ट्रिकसिटी को खाना के लिए प्रयोग करने पर उनके बहुत से पैसों की बचत हो जाएगी।
- इलेक्ट्रिक सिटी के प्रयोग को बढ़ावा देकर में देश जीवाश्म ईंधनों के धुएँ से होने वाले वायु प्रदूषण में कमी होगी।
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निष्कर्ष
देश को भविष्य के लिए तैयार करना अति आवश्यक है। जिसमे गो इलेक्ट्रिक अभियान कारगर साबित होगा, क्योंकि जहां देश दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। वहीं उस रास्ते पर चलने के लिए उसके पास ज्यादा ऊर्जा के माध्यम नजर नहीं आते है।
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ऐसे में क्षय ऊर्जा के स्रोतों या जीवाश्म ईंधनों के खत्म होने का डर भी है जिसकी भरपाई अक्षय ऊर्जा के माध्यम कर सकते है जैसे पनबिजली और सौर ऊर्जा। सरकार ये बात समझती है और यही कारण है, कि देश में गो इलेक्ट्रिक अभियान Go Electric Abhiyan शुरू किया गया।
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