भारत को दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड का आयातक देश माना जाता है। जिससे आभूषण की मांग को पूरा किया जाता है।। जिसके कारण हमारे देश मे प्रति वर्ष 900 से एक हजार टन स्वर्ण का आयात किया जाता है। वाणिज्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार सोने का आयात, जिसका देश के चालू खाते के घाटे (CAD) पर असर पड़ता है, ये वर्ष 2020 मे
14.23 फीसदी गिरकर 28.2 बिलियन डॉलर हो गया।
इन आंकड़ों से जाहिर होता है कि इंडिया सरकार एक बड़ी राशि सोने के आयात पर खर्च करती है। जिसके कारण केंद्र सरकार ने ‘सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड’ योजना की शुरुआत की है। ताकि विदेशी मुद्रा को सेव किया जा सके। अगर आपके इस योजना के बारे मे नहीं जानते है तो लेख को अंत तक पढे। इस लेख मे हम आपको बताने वाले है। ‘सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड’ योजना क्या है। देश के नागरिक इस योजना का लाभ किस प्रकार ले सकते है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम sovereign gold bond Yojana
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना गोल्ड मे निवेश करने की एक सरकारी योजना है,जिसकी शुरुआत वर्ष 2015 मे की गई थी। जिसकी शुरुआत केंद्र सरकार और आरबीआई के द्वारा की गई है। इस योजना का उदेश्य देश मे गोल्ड की फिजिकल डिमांड को कम करना है। ताकि देश मे गोल्ड के आयात को कम किया जा सके।
इस योजना के माध्यम से गोल्ड मे निवेश करने वाले निवेशकों को गोल्ड के बॉन्ड मिलते है। यदि बॉन्ड पांच ग्राम सोने का है, तो निवेशक को पांच ग्राम सोने की जितनी कीमत होगी, उतनी ही बॉन्ड की कीमत होगी।
जिसे आप बाद मे जरूरत पड़ने पर केश मे बदल सकते है। योजना मे कोई भी निवेशक एक ग्राम गोल्ड बॉन्ड से निवेश शुरू कर सकता है। जबकि एक व्यक्ति के लिए निवेश की अधिकतम चार किलोग्राम तय की गई है।
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के तहत देश के सभी स्थायी निवासी निवेश कर सकते है।
- इस योजना मे निवेश करने की कोई आयु सीमा नहीं है। नाबालिग भी गोल्ड बॉन्ड मे निवेश कर सकते है। नाबालिग के लिए एक तरह से गुल्लक मे पैसे जमा करने के जैसा है।इस
- योजना मे आप दूसरे व्यक्ति के साथ मिलकर भी निवेश कर सकते है।
- इस बॉन्ड योजना मे निवेश की आवधि 8 वर्ष तक है। निवेश करने के अगले 5वें वर्ष के बाद ब्याज भुगतान तिथियों पर प्रयोग करके बाहर निकलने का विकल्प भी है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के फायदे:-
- निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का इस्तेमाल लोन लेने के लिए कोलैटरल के रुप में कर सकते है।
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को एक्स्चेन्जों में ट्रेड किया जा सकता है। ताकि निवेशक समय से पहले भी अगर चाहें तो एग्ज़िट कर सकते हैं।
- अगर आप गोल्ड खरीदकर उसे घर पर रखते हो तो उसमे चोरी होने का डर रहता है लेकिन अगर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मदद से गोल्ड मे निवेश करते है तो यंहा पर चोरी होने का डर नहीं रहता है।
- गोल्ड बॉन्ड को आरबीआई के द्वारा जारी किया जाता है । इसलिए इसमे निवेशकों को रिस्क कम होता है।
- अगर आप गोल्ड बॉन्ड वाले गोल्ड को आभूषण मे प्राप्त करना चाहते है तो आपको मेकिंग चार्ज भी देना होगा। लेकिन यंहा पर आभूषण बनवाते समय आपको गोल्ड की क्वालिटी की चिंता करने की जरूरत नहीं है।
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम मे निवेशकों को गोल्ड की कीमतों मे इजाफे करने के अलावा भी 2.5 फीसदी की दर से अतिरिक्त ब्याज भी मिलता है।
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मे किया गया निवेश टैक्स फ्री होता है।
कहां से खरीद सकते हैं
- स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल),
- डाकघरों
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश कैसे करें?
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मे निवेश करने से पहले निवेशकों को ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करना होगा। जिसके लिए आपको या तो आरबीआई की ऑफिसियल वेबसाइट से केवाईसी फार्म डाउनलोड करना होगा। आप इसे बैंकों से भी प्राप्त कर सकते है।
- आप जिस भी बैंक या स्टॉक एक्सचेंज कंपनी की मदद से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मे निवेश करना चाहते है आपको उसी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का ऑप्शन सर्च करना होगा। जहा से आप निवेशक से जुड़ी हुई सभी जानकारी फिल करके अकाउंट बनाए उसके बाद जरूरी दस्तावेजों को अपलोड करे । पहले कंपनी की और से निवेशक के सभी दस्तावेजों की जांच की जाएगी। उसके बाद आप आसानी से निवेश कर सकते है।
- निवेशक को अपना अकाउंट ट्रेक करके के लिए एक स्पेशल आईडी पासवर्ड प्रदान किया जायेगा । जिसकी मदद से आप जब चाहे अपने अकाउंट को खोलकर स्टेटस चेक कर सकते है।
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लंबी अवधि के निवेश के लिए सही
निवेश एक्सपर्ट्स के अनुसार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड उन निवेशकों के लिए सबसे बेहतर जो लंबी अवधि मे निवेश की रुचि रखते है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड मे निवेशकों को सालाना ढाई फीसदी तक ब्याज मिलता है। इसके अलावा एक्सचेंज ट्रेडेड फंड का एक्सपेंश रेशियो सालाना 50 से 80 बेसिस प्वाइंट है. इसमें कोई ब्याज नहीं मिलता है. हालांकि, इसमें लिक्विडिटी ज्यादा है।