मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना Soil Health Card Yojana की शुरुआत देश के किसानों के लिए की गई है। इस योजना मे माध्यम से सरकार किसानों के लिए एक सोइल कार्ड जारी करती है, ताकि किसानों को उनके खेतों की मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके अच्छे फसल उगाई जा सके।
यदि किसान ने अपनी फसल उगाने के लिए बीज बो दिया और उसको बाद मे पता चले की उसके खेतों की मिट्टी मे गुणवत्ता की कमी है, तो उससे समय, पैसा और मेहनत की बर्बादी होती है। यही कारण है केंद्र सरकार के द्वारा किसानों को लाभ देने के लिए इस योजना को शुरू किया गया है।
इस लेख मे हम आपको मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के बारे मे संपूर्ण जानकारी देने वाले है। अगर आप एक किसान है तो यह लेख आपके लिए लिए महत्वपूर्ण है। आप इस लेख को जरूर पूरा पढे इसे लेख मे हम आपको बताने वाले है कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना क्या है ? मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना मे आवेदन कैसे करे ,मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का लाभ कैसे ले।
योजना का नाम | सॉइल हेल्थ कार्ड योजना Soil Health Card Yojana |
योजना किसके द्वारा शुरू की गई | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
योजना कब शुरू की गई | वर्ष 2015 मे |
योजना की थीम | स्वस्थ धरा, खेत हरा। |
योजना का प्रमुख उद्देश्य | देश के किसानों को लाभ पहुचना |
योजना का विभाग | किसान और कर्षी कल्याण मंत्रालय केंद्र सरकार |
मृदा सेहत कार्ड योजना Soil Health Card Yojana की शुरुआत देश के वर्तमान प्रधानमंत्री जी के द्वारा 19 फरवरी, 2015 को राजस्थान के श्रीगंगानगर ज़िले के सूरत-गढ़ मे की गई। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश के ज्यादा से ज्यादा किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड लाभ पहुँचाना है ताकि वे अपने खेतों की सही पैदावार के लिए सही मिट्टी की पहचान कर सके।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड Soil Health Card 2024
मृदा स्वास्थ्य कार्ड मृदा परीक्षण जांच रिपोर्ट जिसे किसानों को प्रत्येक जोतों के लिए दिया जाता है। इसमें 12 पैरामीटर (यथा pH, EC, जीवांश कार्बन, नत्रजन, फास्फेट, पोटाश, गंधक, जस्ता, लोहा, ताँबा, मैग्नीज एवं बोरान) पर जांच परीक्षणोंपरान्त ही कृषकों को निःशुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जाता है।
मृदा सेहत कार्ड केंद्र सरकार द्वारा प्रत्येक 3 वर्ष मे किसानों को दिया जाएगा यानि की एक कार्ड की वेलिडीटी 3 वर्ष होगी, तीन वर्ष के बाद आपको कार्ड को रिनयु कराना होगा। आने वाले तीन वर्षों मे देश के लगभग 14 करोड़ किसानों तक इस कार्ड को पहुँचाने का लक्ष्य है।
इस कार्ड मे खेतों मे उपयोग होने वाले कुछ जरूरी पोषण तत्वों, उर्वरकों के बारे मे जानकारी दी जाएगी ताकि कम समय मे ज्यादा पैदावार की जा सके।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना Soil Health Card Yojana से जुड़ी कुछ मुख्य बाते
- इस योजना के माध्यम से किसानों को खेत की मिट्टी के हिसाब से फसल लगाने का सुझाव दिया जाएगा।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड के माध्यम से किसानों को उनके खेत की मिट्टी से जुड़ी जानकारी की रिपोर्ट बनाकर दी जाएगी।
- केंद्र सरकार द्वारा इस योजना का बजट शुरुआत मे 568 करोड़ रुपये टी किया गया है जिसे जरूरत के अनुसार बढ़ाया जाएगा।
- इस योजना का लाभ देश का हर वो किसान उठा सकता है जो भारत का नागरिक ह।
- इस योजना को सफल बनाने के लिए देश मे 429 नई स्थायी मरदा जांच प्रयोगशालाये , 102 नई चलती मरदा जांच प्रयोगशालाये और 8752 लघु जांच प्रयोगशालाये उपलब्ध कराई जाएगी।
- इस योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों मे भी 1562 जांच प्रयोगशालाओ को मंजूरी मिली है और 800 से ज्यादा प्रयोगशालाओ पर अभी काम किया जा रहा है।
- इस योजना के माध्यम से एक वर्ष मे ही 4 करोड़ से ज्यादा नमूनों की जांच की गई थी जो कि पहले की तुलना मे कई गुण अधिक है।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के माध्यम से ग्रामीण युवा या 40 वर्ष तक की आयु के कोई भी किसान मृदा परीक्षण प्रयोगशाला खोलने के लिए आवेदन कर सकते है।
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मृदा हेल्थ कार्ड द्वारा दी जाने वाली जानकारी
- खेत की मिट्टी की गुणवत्ता
- खेतों की उत्पादक क्षमता
- पोषक तत्व की मौजूदगी एवं पोषक तत्व की कमी
- पानी की मात्रा यानी नमी
- अगर आपकी मिट्टी मे कुछ अलग तत्व पाए जाते है तो इसकी भी जानकारी आपको दी जाएगी
- अन्य उपस्थित पोषक तत्व
- खेतों की गुणवत्ता सुधारने के लिए कुछ दिशा निर्देश
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मृदा हेल्थ कार्ड कैसे काम करता है |
- आपके पहले आपके खेत की मिट्टी की जांच करने वाले मिट्टी का सेंपल इखट्टा करते है।
- मिट्टी का सेंपल इखट्टा करने के बाद सेंपल को लेबोरेटरी मे भेजा जाता है।
- जांच करने बाद विशेषज्ञ मिट्टी से जुड़ी सभी जानकारी की एक रिपोर्ट तैयार करते है।
- जांच करने के बाद अगर आपके खेत की मिट्टी मे फसल उगाने मे उपयोग होने वाले कुछ तत्वों की कमी है तो आपको इसके सुझाव दिए जाते है | ताकि किसानों की फसल की पैदावार बढ़ सके।
- रिपोर्ट तैयार करने के बाद इस रिपोर्ट की सूची मृदा हेल्थ कार्ड की ऑफिसियल वेबसाइट पर अप-लोड कर दी जाती है। जिसे आप ऑनलाइन देख सकते हो।
- इस रिपोर्ट को किसान के नाम के साथ उसके मोबाईल नंबर भी भेज दिया जाता है।
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ऑफिसियल वेबसाइट
मृदा हेल्थ कार्ड योजना Soil Health Card Yojana से जुड़े कुछ सवाल जवाब
स्वास्थ्य मरदा का अर्थ है कि मरदा मे पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों जैसे कि कार्बनिक पदार्थ, मुख्य एवं सूक्ष्म तत्व की भरपूर मात्रा एवं नमी रोकने की क्षमता हो जिससे फसलों की पैदावार अधिक हो सके।
मरदा स्वास्थ्य कार्ड मे किसान के खेत की मरदा जांच परीक्षणों प्रांत पोषक तत्वों की स्थिति के आधार पर रासायनिक उर्वरक कार्बनिक खाद एवं जैव उर्वरक प्रयोग करने की सलाह दी जाएगी इसके अलावा इसमे किसानों को उर्वरकों और उसकी मात्रा के संबंध मे जानकारी दी जाएगी।
खरीफ , रबी एवं जायद फसलों के बुवाई के पूर्व खेती खाली होने पर मरदा नमूना लिया जाता है।
मरदा नमूना ठीक प्रकार से लेना बहुत महत्वपूर्ण है जिसका परीक्षण करके उर्वरकों का निर्धारण किया जाता है। यह भूमि के एक बड़े भाग का प्रतिनिधि नमूना होता है। मरदा परीक्षण के लिए आधा किलोग्राम खेत के विभिन्न भागों से एकत्रित मरदा नमूना एकत्र किया जाता है।
मरदा नमूना ठीक प्रकार से लेना बहुत महत्वपूर्ण है, जिसका परीक्षण करके उर्वरकों का निर्धारण किया जाता है, यह भूमि के एक बड़े भाग का प्रतिनिधि नमूना होता है। मरदा परीक्षण के लिए आधा किलोग्राम खेत के विभिन्न भागों से एकत्रित मरदा नमूना एकत्र किया जाता है।