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किसी भी देश को विकसित करने मे शिक्षा का बहुत बड़ा योगदान होता है। यही कारण है केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार सभी अपने अपने स्तर पर देश मे शिक्षा को बढ़ावा दे रहे है। ताकि देश का आने वाला भविष्य सुधारा जा सके। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारे भी समय समय पर राज्य मे शिक्षा संबंधी योजनाए लांच करती रहती है।

अब झारखंड सरकार ने भी अपने राज्य मे गरीब बच्चों को शिक्षित करने के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है। जिसकी जानकारी आपको इस लेख मे मिलने वाली है। इस लेख मे हम आपको इस योजना के बारे मे पूरी जानकारी देने वाले है। इस लेख मे हम आपको बताने वाले है कि पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना क्या है। Jaipal Singh Munda Scholarship Yojana Kya Hai झारखंड के गरीब बच्चों को इस योजना का लाभ किस प्रकार मिलेगा।

Jaipal Singh Munda Scholarship Yojana 2024

पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना की शुरुआत झारखंड के वर्तमान सीएम हेमंत सोरेन ने कि थी वर्ष 2021 में की थी। इस योजना की शुरुआत जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय के नाम पर की गई थी। जो झारखंड के पहले ऐसे आदिवासी छात्र थे जिन्होंने इंग्लैंड में शिक्षा प्राप्त की थी। यही नहीं इन्होंने भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी करते हुए ओलंपिक में गोल्ड मेडल भी जिताया था

मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय देश में संविधान सभा के सदस्य के पद पर भी अपनी सेवा प्रदान कर चुके है। झारखंड आंदोलन की नींव भी इन्होंने ही रखी थी। लेकिन अब इनके नाम की कही पर कोई चर्चा नहीं थी जिसके कारण झारखंड सरकार ने इस महान व्यक्ति के बारे मे लोगों को जानकारी देने के लिए इनकी याद मे इस योजना की शुरुआत की है ताकि झारखंड के लोग इंससे प्रेरित होकर आगे बढ़ सके। झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि राज्य बनने के बाद झारखंड के युवाओं के पास विदेशों अपनी प्रतिभा को निखारने के अच्छा मौका है।

योजना का उद्देश्य

पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से अब झारखंड के गरीब अनुसूचित , आदिवासी जनजाति के होनाहर छात्रों को अब विदेशों की बड़ी बड़ी यूनिवर्सिटियों मे पढ़ाई करने के मौका मिलेगा। जैसे कि ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज इत्यादि
इस योजना के माध्यम से अब झारखंड के युवाओं को अपने सपने को पूरा करने के अवसर मिलेगा जिसका फायदा उठाकर ये अपने करियर को एक नए मुकाम पर पहुंचा सकते है।

विदेश मे पढ़ाई करने का मौका किसे मिलेगा

इस योजना के माध्यम से झारखंड के 6 आदिवासी , अनुसूचित जनजाति के बच्चों को उच्च सत्र की पढ़ाई करने के लिए विदेश की यूनिवर्सिटियो मे जाने का मौका मिलेगा। इनकी पढ़ाई का सभी खर्च झारखंड सरकार उठाएगी। इस योजना के तहत विदेश मे पढ़ाई के लिए चुने जाने वाले छात्रों को मुख्यमंत्री के द्वारा सम्मानित भी किया जायेगा। इस स्कॉलरशिप योजना के तहत विधार्थी इंग्लैंड और आयरलैंड के विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करेंगे।

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चुने जाने वाले छात्र

इस स्कॉलरशिप योजना के तहत विदेशों मे पढ़ाई करने के लिए चुने जाने वाले पहले चरण के छात्रों का चयन किया जा चुका है जिनमे हरक्यूलिस सिंह मुंडा, अजितेश मुर्मू, आकांक्षा मैरी, दिनेश भगत, अंजना प्रतिमा डुंगडुंग, प्रिया मुर्मू इत्यादि छात्र शामिल थे।

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इन सभी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और शिक्षा मंत्री चंपई सोरेन के माध्यम से सम्मानित करके विदेश मे पढ़ाई करने के लिए भेजा जा चुका है।
इस योजना के तहत प्रत्येक वर्ष झारखंड के 10 अनुसूचित जनजाति के छात्रों का चयन किया जाएगा। जिसके लिए उसकी पिछली कक्षा का परिणाम और टेस्ट पास करना होगा।

योजना का बजट

इस योजना के तहत विदेश मे पढ़ाई करने वाले छात्रों का सभी प्रकार का खर्च झारखंड उठाएगी। जिसके लिए शुरुआत मे 10 बच्चों का चयन करके उन्हे विदेश मे पढ़ाई करने के लिए भेज दिया गया है। आने वाले दिनों मे बच्चों की संख्या बढ़ाई जायेगी। वर्तमान मे इस योजना का बजट दस करोड़ रखा गया है। जब विदेश मे पढ़ाई करने वाले बच्चों की संख्या बढ़ेगी तब उनका बजट भी बढ़ेगा।

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विदेश मे पढ़ाई कराने के पीछे का क्या कारण है

झारखंड मे ज्यादातर जनसंख्या अनुसूचित, आदिवासी निवासी करती है । जिनका शिक्षा सत्र बेहद कमजोर है या नहीं है। यही कारण है इनका सारा जीवन गरीबी भुखमरी मे निकल जाता है। जिसके कारण राज्य सरकार के सामने इनकी शिक्षा की समस्या एक बड़ी समस्या है जिसको लेकर लगातार विचार किया जा रहा है। यही वजह है कि इन लोगों मे शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए झारखंड सरकार ने इस योजना की शुरुआत की है। ताकि इनकी आने वाली पीढ़ी अपने पैरों पर खड़े होकर कुछ कर सके। और दुनिया मे अपनी एक अलग पहचान बना सके।

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चुने जाने वाले छात्रों का खर्च

  • शिक्षण शुल्क,
  • पुस्तकों का शुल्क
  • आवश्यक उपकरण,
  • वार्षिक अनुरक्षण भत्ता,
  • वीजा शुल्क,
  • हवाई यात्रा खर्च,
  • स्वास्थ्य बीमा का प्रीमियम,

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