मेक इन इंडिया का मुख्य उद्देश्य देश को प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है ताकि देश मे सभी प्रोडक्ट बनाकर उन्हे उन्हे दूसरे देशों को भी बेच सके और देश कि अर्थव्यवस्था सुधार सके। इसलिए देश के प्रधानमंत्री के द्वारा मेक इंडिया अभियान कि शुरुआत की शुरुआत की गई है। अगर आप इस अभियान के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते है तो लेख को अंत तक पढे क्योंकि इस लेख मे हम आपको बताने वाले है कि मेक इन इंडिया क्या है , Make In India Kya Hai
एक नजर में मेक इन इंडिया 2024
योजना का नाम | मेक इन इंडिया |
शुरुआत | 25 सितंबर, 2014 |
योजना की शुरुआत किसने की | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |
योजना का उद्देश्य | सभी वस्तुओं का निर्माण भारत में ही करना |
कितने क्षेत्रों को किया शामिल | 25 क्षेत्र |
मेक इन इंडिया ऑफिसियल वेबसाइट | यंहा पर क्लिक करे |
Make in India 2024
मेक इन इंडिया मिशन Make in India की शुरुआत नरेन्द्र मोदी जी ने 25 सितम्बर 2014 को विज्ञान भवन में की थी। इस मिशन के तहत मोदी जी का उद्देश्य यह है की लोगों की जिंदगी में रोजमर्रा में उपयोग किया जाने वाले समान का निर्माण इंडिया में ही हो।
इस पूरी योजना को जनता को समझाने के लिए ओद्योगिक निति व् विकास विभाग द्वारा 29 दिसम्बर 2014 को एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया था। जिसमें स्वयं नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए, इनके साथ उनके कैबिनेट मंत्री, सभी राज्यों के मुख्य सचिव व् बड़ी बड़ी इंडस्ट्री के लीडर भी शामिल थे।
मेक इन इंडिया का मुख्य उद्देश देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाले 25 क्षेत्रों में बदलाव करना है इससे देश में रोजगार बढेंगें, जिसकी वजह से देश में बेरोजगारी की समस्या भी दूर होगी, और देश विदेश में सभी बड़े निवेशकों का ध्यान हमारी ओर केन्द्रित होगा।
मेक इन इंडिया योजना के मुख्य उद्देश्य (Make in India campaign Aim in hindi)
- इस मिशन के तहत ज्यादा से ज्यादा समान भारत में बनाये जायँगे ,जिसके कारण समान की कीमत भी कम होगी और दूसरे देशो में समान का निर्यात होने से देश की अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा।
- जब देश के अंदर ज्यादा से ज्यादा समान बनाये जायँगे तो इससे देश में रोजगार बढ़ेगा, गरीबी का स्तर कम होगा।
- जब समान का निर्माण देश के अंदर किया जायगा तो इससे बहार से आने वाले समान की तरह लगने वाला टैक्स बच जायगा जिससे आपको कम कीमत पर अच्छी क्वालिटी वाला समान मिलगा।
- समान का निर्माण देश में ही होने से दूसरे देशो के निवेशक हमारे देश में आकर पैसा इन्वेस्ट करेंगे जिससे दूसरे देशो का पैसा हमारे देशो में आएगा इससे देश का नाम भी प्रसिद्द होगा।
Aatmanirbhar Bharat Powering Indian Economy:
— Make in India (@makeinindia) August 4, 2021
The Indian Merchandise Exports ⬆️ by 22% in April-July’21 over the same period of 2019. India’s exports have covered 32.64% of its annual target of USD 400 Bn. pic.twitter.com/82aJolqBJg
- देश के अंदर रोजगार के अवसर बढ़ने से युवाओ को काम करने के लिए दूसरे देशो में जाने की जररूत नहीं होगी।
- मेक इन इंडिया; भारत में स्वदेशी आन्दोलन की तर्ज पर बनायी गयी एक योजना है. इसे भारत सरकार ने 25 सितंबर 2014 को शुरू किया था।
- इस योजना का मुख्य उद्येश्य भारत में प्रोडक्ट निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देकर पूरे विश्व में भारत को प्रोडक्ट्स निर्माण के क्षेत्र में शक्तिशाली देश बनाना है इस योजना में देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देने वाले 25 विशिष्ट क्षेत्रों को रखा गया है इससे विदेशी कम्पनिया भी इस अभियान के तहत अहम भुमिका निभाने वाली है।
- Make in India Abhiyan का सबसे बड़ा उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र में परिवर्तित करना है. इस योजना के तहत भारत सरकार विदेशी कंपनियों को भी भारत में आकर विनिर्माण कार्य करने के लिए आमंत्रित करेगी.इससे देश के अंदर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
- देश में विदेशी निर्माताओं को आमंत्रित करने के लिए, भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों में 100% विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) की अनुमति दी है।
- वर्तमान नीति के अनुसार, मीडिया (26%), रक्षा (49%) और अंतरिक्ष (74%) को छोड़कर “मेक इन इंडिया” योजना में शामिल सभी 25 क्षेत्रों में 100% एफडीआई की अनुमति है।
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मेक इंडिया के तहत निम्नलिखित 25 क्षेत्रों को सुधारा जायगा
क्र. सं | क्षेत्र |
1 | ऑटोमोबाइल |
2 | ऑटो पार्ट्स या ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री |
3 | विमानन |
4 | जैव प्रौद्योगिकी |
5 | रसायन |
6 | निर्माण |
7 | रक्षा निर्माण |
8 | विद्युत मशीनरी |
9 | इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण |
10 | खाद्य प्रसंस्करण |
11 | आईटी और बीपीएम |
12 | चमड़ा |
13 | मीडिया और मनोरंजन |
14 | खनिज |
15 | तेल और गैस |
16 | फार्मास्यूटिकल्स |
17 | बंदरगाह |
18 | रेलवे |
19 | नवीकरणीय ऊर्जा |
20 | सड़कें और राजमार्ग |
21 | अंतरिक्ष |
22 | कपड़ा |
23 | तापीय उर्जा |
24 | पर्यटन और आतिथ्य |
25 | कल्याण |
Make In India Mission के तहत वर्ष 2022 तक अर्थव्यवस्था में विनिर्माण से संबंधित क्षेत्रों में 100 मिलियन रोज़गारों उतपन्न करना है ताकि देश में कोई भी बेरोजगार न रहे |
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#LocalGoesGlobal
— Make in India (@makeinindia) August 6, 2021
Exports have a huge employment generation potential, especially for #MSMEs and high labour-intensive sectors, with a cascading effect on the manufacturing sector and the overall economy. pic.twitter.com/eM07T5DM4x
मेक इन इंडिया से नुकसान – Disadvantages from Make in India
- हर सिक्के के दो पहलू होते हैं जहा पर एक तरफ मेक इन इंडिया से लोगों को फायदा पहुंचाने की बात हो रही है तो दूसरी और मेक इन इंडिया से कई क्षेत्रों पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ने वाले है मेक इन इंडिया से जहां औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा मिल रहा है वहीं दूसरी तरफ कृषि क्षेत्र को काफी नुकसान हो रहा है। मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों का निर्माण किया जा रहा है जिससे प्राकृतिक संसाधनों जैसे की पेड़ पोधो कृषि क्षेत्रों को नष्ट किया जा रहा है।
- मेक इन इंडिया के तहत छोटे कारोबारियों को भी नुकसान हो रहा है क्योंकि मेक इन इंडिया विदेशी कंपनियों को भारत में प्रोडक्ट निर्माण के लिए बढ़ावा दे रही है, ताकि विदेशी कंपनियां भारत में आकर व्यापार करे इसकी वजह से विदेशी कंपनियां देश के छोटे व्यापारियों पर हावी होती नजर आ रही हैं जिसका खामियाजा छोटे व्यापारियों को भुगतना पड़ रहा है | मेक इन इंडिया मिश्र मुख्य रूप से उन उद्योगों पर आधारित है जिनमें प्रोडक्ट का निर्माण किया जाता है इससे प्राकृतिक संसाधन जैसे जल, जमीन, इत्यादि की ज्यादा खपत होती है जिसकी वजह से प्राकृतिक संसाधनों भी विलुप्त होते जा रहे है।
- मेक इन इंडिया के तहत नई कंपनियों के निर्माण को बढ़ावा मिल रहा है वहीं दूसरी तरफ कृषि की उपेक्षा भी हो रही है इस अभियान के तहत खेत खलिहानो पर नकरात्मक प्रभाव पड़ रहा है इस तरफ कोई ध्यान ही नहीं दिया जा रहा।
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- Make In India Mission के तहत मुख्य रूप से ज्यादा से ज्यादा वस्तुओं का निर्माण भारत में करने पर जोर दिया जाता है जो कि अन्य आर्थिक क्षेत्रों के लिए हानिकारक साबित हो रहा है।भारतीय अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि पर आधारित है जो देश की जीडीपी में अपना करीब 57 प्रतिशत योगदान देती है।
- मेक इन इंडिया मिशन के तहत जहां एक तरफ वस्तुओं के निर्माण से भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी वहीं देश में नई कम्पनियाँ भी जरूर खुलेगी जिससे कंपनियों से निकलने वाला दूषित पदार्थ पर्यावरण को और ज्यादा प्रदूषित करेंगे जो कि प्रकृति पर पारिस्थितिक रूप से नकरात्मक प्रभाव डालेगा।
निष्कर्ष
दोस्तों इस लेख मे हमने आपको केंद्र सरकार द्वारा देश कि अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए शुरू की गई योजना के बारे मे बताया है ताकि आपको भी इस योजना के बारे मे सही जानकारी पता चल सके इस लेख मे हमने आपको बताया है कि मेक इन इंडिया क्या है make in india Kya Hai मेक इन इंडिया अभियान क्या है make in india abhiyan Kya Hai
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