टेक्नोलॉजी इतनी हाई होने के कारण देश मे आज भी ऐसी बहुत से क्षेत्र राज्य और क्षेत्र है जहा पर किसी व्यक्ति का का पता ढूँढना काफी मुश्किल होता है जिसके कारण ऐसे क्षेत्र मे अगर कोई डिलीवरी बॉय या कोई डाकिया डाक लेकर आता है तो उसे सही जगह तक कोरियर पहुचाने के लिए काफी मेहनत करनी होती है दूसरे लोगों से मदद लेनी होती है। जिसके कारण उनका काफी समय खराब हो जाता है।
अब केंद्र सरकार ने इस समस्या का भी समाधान निकाल लिया है। केंद्र सरकार अब जल्द ही देश मे डिजिटल एड्रेस कोड तकनीक शुरू करने वाली है। जिसके जरिए हर यूजर के को एक एड्रेस कोड प्रदान किया जाएगा जिसकी मदद से कोई भी व्यक्ति किसी भी जगह पर आसानी से पहुच सकता है।
इस लेख मे हम आपको इसी के बारे मे जानकारी देने वाले है इस लिए इस लेख को पूरा पढे इस लेख मे हमे आपको बताने वाले है कि डिजिटल एड्रेस कोड क्या है। Digital Address Code Kya Hai डिजिटल एड्रेस कोड कैसे बनवाए। digital address code kasie bnvaye
डिजिटल एड्रेस कोड क्या है ? Digital Address Code Kya Hai
सरकार जल्द ही देश मे डिजिटल एड्रेस कोड सिस्टम शुरू करने वाली है। इसमे यूजर्स को अपने एड्रेस का एक आधार लिंक युनीक कोड प्रदान किया जायेगा। हर यूजर के पते के हिसाब से एक एक अलग युनीक कोड होगा।
जो सरकार के द्वारा वेरीफिकेशन होने के बाद प्रदान किया जायेगा। डिजिटल एड्रेस कोड मिलने के बाद डिलीवरी ब्वॉय पोस्ट मेंन को सही स्थान पर कोरियर पहुचाने मे काफी आसानी होगी।
काई बार भी गूगल मेप भी सही रास्ता बताने मे फेल हो जाता है। जिसका कारण काई बार लोगों के घर तक कोरियर नहीं पहुच पाते है। डिजिटल एड्रेस कोड सिस्टम शुरू होने के बाद देश के हर नागरिक को उनके एड्रेस के हिसाब से एक युनीक कोड और क्यू आर को प्रदान किए जायेगा।
इस कोड और क्यू आर कोड की मदद से आप किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने घर का सही रास्ता देकर उसे बुला सकते हो इस कोड के जरिए लोकेशन का डिजिटल मेप देखने की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
डिजिटल एड्रेस कोड कौन बना रहा
देश मे डिजिटल एड्रेस कोड सिस्टम की सुविधा शुरू करने के लिए भारत सरकार और डाक विभाग एक साथ मिलकर काम कर रहे है। इसकी जानकारी डाक विभाग ने अपनी ऑफिसियल वेबसाइट के जरिए प्रदान की थी। उन्हे इसके लिए अपने स्टॉक होल्डर्स से सुझाव भी मांगे थे। जिसकी समय सीमा 20 नवंबर निर्धारित की गई थी।अब जल्द ही देश मे इस सुविधा को शुरू किया जाएगा।
डिजिटल एड्रेस कोड की जरूरत क्यों है ?
- डाक विभाग ने जानकारी दी है कि लोगों के आधार कार्ड पर मौजूद एड्रेस को डिजिटल तौर पर प्रमाणित नहीं किया जा सकता है । इससे लोगों की प्राइवेसी को खतरा रहता है।
- किसी भी एड्रेस को डिजिटल रूप से प्रमाणित करने के लिए लोगों के एड्रेस को डिजिटल लोकेशन से लिंक होना चाहिए उसके बाद डिजिटल एड्रेस कोड की मदद से किसी भी एड्रेस को ऑनलाइन ऑथेन्टिकेशन होने के बाद इस्तेमाल किया जा सकेगा।
- डिजिटल एड्रेस कोड की मदद से ऑनलाइन खरीददारी करने के बाद डिलीवरी बॉय को प्रोडक्ट डिलीवर करने मे आसानी होगी। ऑनलाइन बिजनेस का मार्केट तेजी से बढ़ेगा।
- कई बार फेक एड्रेस का इस्तेमाल करके ई-कॉमर्स डिलीवरी बॉय से धोखाधड़ी की घटनाए सामने आती रहती है। ऐसें मे एड्रेस डिजिटल होने के बाद इस प्रकार की घटनाओ मे काफी कमी होगी।
- कई बार प्रोडक्ट डिलवरी के लिए बड़े बड़े एड्रेस होते है जो आसनी से समझ मे नहीं आते यही जिसके कारण काफी परेशानी होती है। डिजिटल एड्रेस कोड सुविधा शुरू होने के बाद इस प्रकार की समस्या मे कमी आएगी। इससे पहले भी सरकार हेल्थ से संबंधित डाटा स्टोर करने के लिए डिजिटल हेल्थ कार्ड शुरू कर चुकी है जिसक फायदा भी आप ले सकते है।
अगर अभी तक आपका राशन कार्ड नहीं बना है तो उसे बनवाने के लिए क्लिक करे |
डिजिटल एड्रेस कोड के फायदे क्या होंगे ?
- डिजिटल एड्रेस कोर्ड को सरकार और डाक विभाग की देखरेख मे जियोस्पेशल कोऑर्डिनेट्स से लिंक किया जाएगा जिससे किसी भी पते का ऑनलाइन ऑथेन्टिकेशन किया जा सकेगा।
- डिजिटल एड्रेस कोड की मदद से बैंकिंग इंश्योरेंस, टेलिकॉम सेक्टर के लिए यूजर्स की केवाईसी करना काफी आसान होगा। जिसके कारण इनके बिजनेस की लागत मे कमी आएगी।
- डीएसी सुविधा शुरू होने के बाद ई-कॉमर्स सेक्टर मे काम करने वाली कंपनियों को अपने कस्टमर तकप्रोडक्ट पहुचाना काफी आसान होगा ।
- डिजिटल एड्रेस को शुरू होने के बाद प्रॉपर्टी, टैक्सेशन, इमर्जेंसी रिस्पॉन्स, डिजास्टर मैनेजमेंट, इलेक्शन मैनेजमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग और मैनेजमेंट, जनगणना संचालन और शिकायत निवारण में फाइनेंशियल और एडमिनिस्ट्रेटिव एफिशियंसी बढ़ेगी
- डिजिटल एड्रेस कोड से सरकारी योजना को लागू करना पहले से आसान होगा।
- डिजिटल एड्रेस कोड सिस्टम शुरू होने के बाद देश मे केंद्र सरकर के द्वारा शुरू की जाने वाली वन नेशन वन एड्रेस योजना को भी पकड़ मिलेगी।
- इस एड्रेस कोड की मदद से सरकारी नौकरियों के लिए दूसरे राज्यों और जिलों मे पेपर देने के लिए जाने वाले युवाओ को एग्जाम स्थान ढूँढने मे काफी आसानी होगी। पहले कई बार एग्जाम स्थान न मिलने के कारण बहुत से युवाओ की सरकारी नौकरी की परीक्षा छूट जाती थी।
डिजिटल एड्रेस कोड कार्ड कैसे बनवाए
देश मे वर्तमान जनगणना के अनुसार तकरीबन 75 करोड़ घर है । जिनके लिए एक युनीक एड्रेस कोड बनाया जाएगा। इस कार्ड को बनाने के लिए हर एड्रेस लोकेशन का डिजिटल अथेंटिकेशन किया जाएगा। जिसके लिए पहले लोकेशन का वरीफिकेशन किया जाएगा।
उसके बाद प्रत्येक एड्रेस को जियोस्पेशियल कोऑर्डिनेट्स से जोड़ा जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा होने के बाद सरकार जल्द ही इस कार्ड को बनवाने के लिए जानकारी देगी।