भारत आज दुनिया के पाँच सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों में से एक है, लेकिन इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं है, कि यहाँ सब कुछ ठीक है, हाँ मगर आप कह सकते है की स्तिथियाँ पहले से कुछ संभाल जरूर गई है। यहाँ हम देश के अंदर व्याप्त गरीबी और उससे जुड़ी भूख की समस्या या कुपोषण की बात कर रहे है।
आज हम आपको इस लेख के गरीबों के खाने से जुड़ी राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही। योजना के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी दे रहे है। अगर आप भी इस योजना के बारे मे जानकारी प्राप्त करना चाहते है ,तो लेख को अंत तक पढे इस लेख मे हम आपको बताने वाले है कि इंदिरा रसोई योजना Indira Rasoi Yojana क्या है और इस योजना से गरीबों की किस प्रकार मदद की जाएगी।
देश मे अभी तक गरीबी पूरी तरह से खत्म तो नही हो पाई है लेकिन इस स्तिथि को कम करने में कामयाब जरूर रहा है। इस स्तिथि तक आने के लिए बहुत से कल्याण कार्यक्रम चलाए गए और चलाए जा रहे है। इसी कड़ी में एक और कदम उठाते हुए राजस्थान सरकार ने राज्य के अंदर इंदिरा रसोई योजना शुरू की, ताकि उन लोगों को भर पेट खाना मिल सके जिनको दिन दो टाइम का खाना भी नहीं मिल पता है।
योजना का विवरण
योजना का नाम | इंदिरा रसोई योजना |
आरंभकर्ता | अशोक गहलोत |
संचालक | राजस्थान सरकार |
उद्देश्य | राज्य के भूखे लोगों को भोजन उपलब्ध कराना |
इंदिरा रसोई योजना Indira Rasoi Yojana 2024
राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी का इंदिरा रसोई योजना को शुरू करते वक्त एक ही संकल्प था , कि राज्य में कोई भूखा न सोये। अगस्त 20, 2020 को प्रदेश के सभी शहरी निकायों में 358 रसोइयों के द्वारा इंदिरा रसोई योजना का आरंभ किया गया।
इस योजना का नाम भी उस महान हस्ती नाम पर रखा गया। जिन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और वंचितों को उभारने के लिए लगा दिया। इस योजना में राज्य सरकार उन लोगों को 8 रुपए प्रति थाली की डर से भोजन उपलब्ध कराएगी । जो पैसे की कमी के कारण भोजन से वंचित रह जाते है। अनुमान ये लगाया जा रहा है कि राज्य के 50 लाख लोगों को इसका फायदा होग।
इंदिरा रसोई योजना को आरंभ करने के पीछे का उद्देश्य
ये बात तो किसी छुपी नहीं है, कि देश में हर साल भुखमरी से कितनी मौतें होती है। संयुक्त राष्ट्र की न जाने कितनी रिपोर्टें इससे भारी पड़ी है | राजस्थान भी इस क्षेत्र में पूरे देश से अलग नहीं है। यहाँ भी भुखमरी से जाने कितनी मौतें होती है।
ये लोग या तो काम काज न मिलने की वजह से या फिर परिवार का पेट भरने के लिए पर्याप्त कमाई न होने कारण भूखे रहते है। इसीलिए राजस्थान सरकार ने ये सोचकर इस योजना को शुरू किया की इस तरह के लोगों को दो वक्त का खाना मिल सके और प्रदेश में भूखे रहने की वजह से किसी की भी मौत न हो।
इंदिरा रसोई योजना के लिए सरकार ने कितना पैसा आवंटित किया है ?
इंदिरा रसोई योजना Indira Rasoi Yojana को सुचारु रूप से चलाने के लिए राजस्थान सरकार ने प्रतिवर्ष 100 करोड़ रुपए आवंटित किए है। इस योजना में जो खाने की थाले मिलती है। वो 20 रुपए की लेकिन सरकार उस पर 12 रुपए प्रति थाली अनुदान देती है। जिस वजह से इस योजना के लाभार्थियों तक वो थाली 8 रुपए की कीमत में पहुँचती है।
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इंदिरा रसोई योजना के फायदे
- इससे उन लोगों को सस्ते दामों पर खाने मिलेगा जिसकी उन्हें सबसे ज्यादा जरूरत है।
- इस रसोई योजना का लाभ लेने वालों को मात्र 8 रुपए का खर्च करने होंगे।
- इससे राज्य में भूख की वजह से होने वाली मौतों में कमी आएगी।
- दिन का 100 रुपए कमाने वाला व्यक्ति केवल 16 रुपए में दोनों समय का खाना खा सकता है।
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इंदिरा रसोई में जनभागीदारी
इंदिरा रसोई योजना Indira Rasoi Yojana को जनभागीदारीता की बहुत आवश्यकता होती है। इस बात को समझते हुए राज्य सरकार ने फैसला किया है की इस योजना में व्यक्ति/संस्था/कॉर्पोरेट/फर्म आदि आर्थिक मदद कर सकते है। इस योजना के लिए दान मुख्यमंत्री सहायता कोष या फिर जिला स्तर के इंदिरा रसोई योजना के बैंक खाते में किया जा सकता है।
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औद्योगिक/व्यापारिक संस्थान सीएसआर फंडस के द्वारा मदद कर सकते है या फिर ये संस्थान एक या उससे ज्यादा रसोई के संचालन का भार अपने ऊपर ले सकते है। या फिर कोई भी अपने किसी भी खास मौके पर एक समय का खाना या फिर दोनों समय का खाना भी प्रायोजित कर सकता है।
इंदिरा रसोई के संचालन की जिम्मेदारी
इंदिरा रसोई को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी शहरी निकाय एवं आवासन, स्वायत शासन विभाग की है | ये विभाग हर रोज इन रसोइयों के संचालन की नियमित मॉनिटरिंग एवं समीक्षा करेगा।
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इंदिरा रसोई की खासियत
- इस योजना के लाभार्थीयो को केवल 8 रुपए ताज़ा, अच्छा और पौष्टिक खाना मिलेगा।
- इस योजना में राज्य सरकार प्रति थाली 12 रुपए अनुदान देगी।
- इस योजना का लक्ष्य हर दिन 1.34 लाख व्यक्ति और हर साल 4.87 करोड़ लोगों को इसका लाभ पहुंचाना है।
- जिला स्तरीय समिति को छूट है की वो आवश्यकता अनुरूप जगह, मेन्यू और खाने के समय को चुन सकती है |
- इंदिरा रसोई की राज्य/जिला स्तरीय समिति नियमित तौर पर निरीक्षण एवं गुणवत्ता की जांच करेगी।
- इंदिरा रसोई योजना में भोजन का समय सुबह 8:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और शाम 5:00 बजे से रात 8:00 बजे तक होगा।
- इस योजना के तहत लोगों को जो थाली दी जाती है | उसमे 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी और 250 ग्राम चपाती और आचार होगा।
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आजादी के बाद से देश में भुखमरी की समस्या कम जरूर हुई ,लेकिन खत्म कभी नहीं हुई। इसे खत्म करने बहुत से प्रयास किए गए और राजस्थान सरकार का उठाया ये कदम भी कोई नया नहीं है। इसी तरह के बहुत से प्रयास इससे पहले अनेक राज्यों में हो चुके है और उन्होंने काफी हद तक सफलता भी अर्जित भी है। लेकिन हर दिन नया होता और यदि इस योजना को अपना लक्ष्य प्राप्त करना है, तो इसे चलाने वालों को निष्पक्ष रहना होगा। तभी ये योजना अपने उद्देश्य प्राप्ति में सफल हो पाएगी।
योजना से जुड़े कुछ सवाल जवाब
सवाल 1 :- ये योजना किस राज्य में लागू हुई है ?
राजस्थान
सवाल 2 : इंदिरा रसोई योजना में एक प्लेट के लिए कितने पैसे देने होंगे ?
इसमे एक प्लेट खाने की कीमत 8 रुपए है |
सवाल 3 : इंदिरा रसोई में खाने की समय सारणी क्या है ?
इंदिरा रसोई योजना में खाने का समय सुबह 8 बजे से 1 बजे तक और शाम 5 बजे से रात 8 बजे तक है |
सवाल 4 : इंदिरा रसोई योजना का फायदा क्या है ?
इसके जरिए भूखे और जरूरतमंदों को बहुत ही कम कीमत पर खाना मिल पाएगा |