आपने म्युचुअल फंड का नाम ज़रूर सुना होगा लेकिन क्या आप जानते है, कि म्युचुअल फंड क्या होता है , mutual fund kya hota hai ये किस प्रकार काम करता है। आप म्युचुअल फंड से किस प्रकार पैसा कमा सकते है। अगर आप इसके बारे में नहीं जानते हो तो, आज में आपको इस लेख में म्युचुअल फंड के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाला हूँ।
इसलिए अगर आप म्युचुअल फंड के बारे मे पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते है , म्युचुअल फंड मे निवेश करने के तरीकों के बारे मे जानना चाहते है तो इस लेख को अंत तक जरूर पढे।
बहुत से लोगो को लगता है कि म्युचुअल फंड mutual fund एक रिस्की काम है जिसमे सिर्फ बड़े लोग ही काम कर सकते है। इसमें पैसा निवेश करना किसी खतरे से कम नहीं है। म्युचुअल फंड में पैसा लगाने से डूब जाता है। इत्यादि तरह तरह के सवाल लोगो के मन में आते है।
जिस प्रकार किसी भी काम की अधूरी जानकरी आपको नुकसान पंहुचा सकती है। ठीक उसी प्रकार अधूरी जानकरी की वजह से आप म्युचुअल फंड में भी अपना नुकसान करवा सकते है, लेकिन अगर किसी काम की पूरी जानकारी हासिल करके शुरू किया जाये ,तो आप उसमे अच्छा मुनाफ़ा भी कमा सकते है।
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म्यूचुअल फंड Mutual Fund
म्यूचुअल फंड mutual fund में कंपनियां इन्वेस्टरों से पैसे इखट्टा करती है .इस पैसे को वे शेयर बाजार, बांड और गवर्नमेंट सिक्युरिटीज जैसे एसेट्स में इन्वेस्टमेंट करती है। इसके बदले म्यूचुअल फंड इन्वेस्टरों से फीस भी लेती हैं।
देश में अलग-अलग कई म्यूचुअल फंड हाउसेज हैं ,जो इन्वेस्टमेंट करने के लिए फंड मैनेजर भी नियुक्त करती है। म्यूचुअल फंड मैनेजर को मार्केट की अच्छी जानकारी होती है, जो अपनी समझ से ऐसे फंड में इन्वेस्टमेंट करते हैं जिसकी वजह से ज्यादा से ज्यादा मुनाफ़ा हो|
म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने के लिए ये कंपनियां दूसरे इन्वेस्टरों से कमीशन लेकर कमाई करती हैं। जिन लोगो को शेयर मार्किट के बारे में पूरी जानकारी नहीं है ,उनके लिए म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट का अच्छा विकल्प हो सकता है इन्वेस्टर अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से स्कीम चुन सकते हैं।
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है ,जहां आपको रिटर्न भी अच्छा मिलता है, लेकिन यहां पर शेयर बाजार की तुलना में रिस्क कम रहता है। ये बात भी जरूरी नहीं है कि म्यूचुअल फंड के बारे में सभी लोगो को समझ हो।
इसलिए जरूरी है कि म्यूचल फंड में इन्वेस्टमेंट करने से पहले इसके बारे में जान ले। ताकि म्यूचल फंड में इन्वेस्टमेंट करने से पहले आपको फैसले लेने में मदद मिल सके। आइए जानते हैं क्या है म्यूचुअल फंड, इसकी कितनी कटेगिरी है, कितना रिटर्न मिल सकता है। साथ ही यह भी जानिए कि म्यूचुअल फंड में कैसे निवेश कर सकते हैं।
इंडिया में कितनी प्रकार की म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) हैं ?
- इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund)
- डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund)
- हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund)
- सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund )
इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund)
इक्विटी म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टरों की रकम को सीधे निवेश शेयरों में रूप में करती हैं. कम समय के लिए ये स्कीम जोखिम भरी हो सकती हैं, परन्तु लंबे समय ये योजना आपको बेहतरीन रिटर्न दिलाने में मदद करती है।
इस तरह की Mutual Fund स्कीम में इन्वेस्टमेंट से आपका रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है,,, कि शेयर का प्रदर्शन कैसा है। जिन इन्वेस्टरों का वित्तीय लक्ष्य 10 साल बाद पूरा होना है, वे इस तरह की Mutual Fund स्कीम में इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं. इक्विटी Mutual Fund स्कीम भी दस अलग अलग प्रकार की होती है।
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डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund)
डेट म्यूचुअल फंड स्कीम डेट सिक्योरिटीज में इन्वेस्टमेंट करती हैं| अगर आप कम समय के लिए इन्वेस्टमेंट करना चाहते है| तो ये स्कीम आपके लिए अच्छी साबित हो सकती है।
इस स्कीम में पांच साल से कम की अवधि के लिए निवेश करना ठीक है| ये म्यूचल फंड स्कीम दूसरी स्कीम की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं , बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न प्रदान करती है.
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हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम (Hybrid Mutual Fund)
हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम में तहत कोई भी इन्वेस्टर इक्विटी और डेट दोनों में निवेश कर सकता। लेकिन इस स्कीम में इन्वेस्टमेंट करते समय भी आपको जोखिम उठाने की क्षमता का पूरा ध्यान रखना जरूरी है। हाइब्रिड स्कीम को छह कैटेगरी में बाँटा गया है।
सॉल्यूशन ओरिएंटेड स्कीम (Solution Oriented Mutual Fund)
सॉल्यूशन ओरिएंटेड Mutual Fund स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं। इस स्कीम में कोई भी इन्वेस्टर अपनी रिटायरमेंट , बच्चों की अच्छी शिक्षा , बच्चों की शादी जैसे लक्ष्यों को ध्यान में रखकर इन्वेस्टमेंट कर सकता है| इन स्कीम में आपको कम से कम पांच साल के लिए इन्वेस्टमेंट करना जरूरी है.तभी आप अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते है।
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म्यूचल फंड में निवेश करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बाते
- म्यूचल फंड की किसी भी स्कीम में निवेश करने से पहले आपको पता होना चाहिए कि आपका निवेश करने का लक्ष्य क्या है । आपके पास निवेश करने के लिए कितना बजट है और आप इस योजना में कितने समय के लिए बने रह सकते है।
अगर आपको म्यूचल फंड में केवल एक वर्ष या दो वर्ष के के लिए निवेश करना है, तो उसके लिए म्यूचुअल फंड की अलग स्कीम है ,लेकिन अगर आपको 5, 7, 10 वर्ष या इससे भी ज्यादा समय के लिए म्यूचल फंड में इन्वेस्टमेंट करना है , तो उसके लिए म्यूचुअल फंड की दूसरी स्कीमें है जिनके बारे में जानकार आप निवेश कर सकते है।
उदाहरण के लिए, अगर आप कम समय के लिए इन्वेस्टमेंट निवेश कर रहे हैं, तो आप डेट फंड या लिक्विड फंड में निवेश कर सकते हैं.लेकिन अगर आप लंबी अवधि के लिए इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं, तो फिर इक्विटी म्यूचुअल फंड सबसे सही स्कीम है।
- जब आप अपने बजट के अनुसार इन्वेस्टमेंट की अवधि तय कर लेते है तो फिर आपको खुद से ये सवाल पूछना है कि आप इस इन्वेस्टमेंट के लिए कितना रिस्क ले सकते है ये ज़रूर ध्यान में रखे कि ज्यादा रिटर्न प्राप्त करने के लिए ज्यादा जोखिम नहीं उठाना पड़ता है, लेकिन इन्वेस्टमेंट में सिर्फ रिटर्न महत्वपूर्ण नहीं होता, बल्कि कैपिटल प्रोटेक्शन यानि कि आपकी लगाई गई पूँजी की सुरक्षा भी मायने रखती है।
- म्यूचल फंड में इन्वेस्टमेंट करते है इस बात की गारंटी बिलकुल भी नहीं होती कि अगर किसी फंड ने अब तक अच्छा पर-फॉर्म किया है तो वह आगे भी अच्छा पर-फॉर्म करे लेकिन आप फिर भी अलग-अलग फंड के पिछले प्रदर्शन की वजह से आप एक तुलनात्मक अध्ययन कर सकते हैं कि किस फंड के परफॉर्मेंस में एक कंसिस्टेंसी है, और उसके प्रदर्शन में उतार-चढ़ाव बाजार और इकोनॉमी से बहुत अलग तो नहीं हैं. ताकि आपको अपनी मनपसंद फंड स्कीम चुनने में मदद मिलेगी/
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इसके अलावा आपको अलग-अलग फंड से अब तक मिले औसत रिटर्न का अंदाजा भी लग जाता है। या आप इन कम्पनियो की वेबसाइट पर जाकर इन फ़ंड की अलग अलग रेटिंग भी देख सकते है।
- किसी भी प्रकार के म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करते समय ये ज़रूर देख ले कि उसमें निवेश से जुड़े खर्च क्या क्या हैं, क्योंकि आपका इन ख़र्चों की वजह से आपका नेट रिटर्न कम हो सकता है। ये खर्च है एंट्री , एक्ज़िट लोड, एसेट मैनेजमेंट चार्ज, एक्सपेंस रेश्यो इत्यादि।
वैसे तो म्युचुअल फंड स्कीमों में एंट्री लोड नहीं लगता, लेकिन एक तय सीमा के पहले स्कीम से पैसे निकालने पर कई कंपनियां एक्ज़िट लोड चार्ज करती हैं, जो 3% तक हो सकता है. इसलिए उन स्कीमों में निवेश करें जहां एक्ज़िट लोड कम हो या नहीं हो।
- म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करते समय आप जिन कम्पनियो में निवेश करने जा रहे हैं। आपको निवेश करने से पहले उस कम्पनी और उसकी देखरेख करने वाले मैनेजर का रिकॉर्ड चेक करना भी जरूरी है, ताकि आपको पता चल सके कि ये फंड हाउस कितने समय से काम कर रहा है, उसका दूसरी योजनाओं में कैसा प्रभाव रहा है। कंपनी की साख बाजार में कैसी है. साथ ही ये भी पता लगाएँ कि आपकी स्कीम के फंड मैनेजर का अनुभव कितना है और वो इस स्कीम को कितने समय से मैनेज कर रहा है।
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म्यूच्यूअल फंड्स के कुछ महत्वपूर्ण फायदे? (Mutual Funds Benefits)
- म्यूच्यूअल फंड Mutual Funds में निवेश का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि आपको यहां पर लम्बे समय में FD से कहीं ज्यादा लाभ मिल सकता है । क्योंकि फिकस्ड डिपॉजिट FD में आपको अधिकतम 7 फीसदी के करीब ही ब्याज मिलता है वहीं दूसरी और म्यूचल फंड में आपको उसके दुगने से भी अधिक रिटर्न मिल सकता है।
- म्युचल फंड में आप बहुत ही कम पूँजी के साथ भी निवेश शुरू कर सकते है इसलिए यह कम पूँजी के साथ निवेश की शुरुआत करने का बेहतरीन साधन: यहां पर आप मात्र 100 रूपए से भी निवेश शुरू कर सकते है|
- म्यूच्यूअल फंड को एक पेशेवर मैनेजर यानि कि एक्सपर्ट्स के द्वारा मैनेज किया जाता है। जिसे मार्किट में बारे में अच्छा ज्ञान होता है यह मैनेजर बाजार के हिसाब से फंड को संभालता है। इसलिए इसका सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि आपको शेयर बाजार का ज्ञान होने की जरूरत नहीं होती है।
- .पारंपरिक इन्वेस्टमेंट की तुलना में अधिक रिटर्न: म्यूच्यूअल फंड में इन्वेस्टमेंट से आपको लम्बे समय में FD या बचत खाते की तुलना में कहीं ज्यादा लाभ मिलता है। यदि आप 5 से 10 साल के लिए पैसा निवेश करना चाहते हैं तो म्यूच्यूअल फंड आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है| इसलिए इस पर ज़रूर विचार करना चाहिए।
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- सभी म्यूच्यूअल फंड कम्पनियाँ SEBI ( Securities and Exchange Board of India.)की देखरेख में निवेशकों से पैसा लेती है इसलिए म्यूच्यूअल फंड में लगाया आपका पैसा सुरक्षित होता है | SEBI फंड मैनेज करने वाली कंपनियों पर कड़ी नजर रखी जाती है।ताकि ये कंपनियां निवेशकों के पैसा का गलत इस्तेमाल न करे।
- ELSS (Equity Linked Savings Scheme) फंड में इन्वेस्टमेंट करके आप अपने टैक्स की कड़ी रकम बचा सकते हैं. इसमें आपको कम से कम 3 वर्ष के लिए निवेश करना पड़ता है व इससे आपको आपकी वार्षिक टैक्सेबल आय पर 1,50,000 रूपए तक की छूट मिलती है।
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निष्कर्ष
इस लेख में हमने आपको म्यूचल फंड के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी दी है कि किस प्रकार से आप म्यूचल फंड मे निवेश कर सकते है और म्यूचल फंड मे निवेश करने के लिए आपको किन किन बातों का जरूर ध्यान रखना चाहिए ताकि आप ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कम सको.
इस लेख मे हमने आपको बताया है कि म्यूचलफंड क्या होता है, mutual fund kya hota hai, म्यूचलफंड निवेश मे कैसे करे mutual fund me nivesh kaise kare, म्यूचलफंड के फायदे mutual fund ke fayde अगर आपको ये लेख पसंद आया हो तो हमे कमेंट करके बताये उस इस जानकारी को दुसरो के साथ भी शेयर करे ताकि उनको भी इसके बारे मे सही जानकारी मिल सके।